कुण्डली में अभिनेता योग की पुष्टि कैसे करें ?

अभिनेता योग : अभिनेता योग कुण्डली में एक सर्बश्रेष्ठ योग में गिनी जाती है . वर्तमान समय में अभिनय की दुनिया में भी बहुत से युवक-युवतियाँ अपना भाग्य आजमाने के लिए प्रयास रहते हैं. बहुतों को सफलता मिलती है और बहुत से असफल भी रहते हैं. ऎसे कौन से योग होते हैं जिनके आधार पर व्यक्ति सफल रहता है! आइए जानने का प्रयास करेंअभिनेता योग के बारे में …
फिल्म अभिनेता हो या फिर टेलिविजन के पर्दे पर काम करने वाला छोटा कलाकार हो, दोनो ही में व्यक्ति का लग्न व लग्नेश अत्यधिक बली होना चाहिए क्योकि जब ये दोनो बली होगें तभी व्यक्ति दूसरों पर अपना प्रभाव छोडने में सक्षम होगा. व्यक्ति की कला और अभिनय को लोग लम्बे समय तक याद रख सकेगे. लग्न-लग्नेश के बली होने पर व्यक्ति लोगो पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहता है. इसलिए अभिनय के क्षेत्र में काम करने वालों का यही सबसे बड़ा गुण माना गया है.
जन्म कुण्डली के पांचवें भाव का आंकलन मनोरंजन के लिए किया जाता है अर्थात अभिनेताओं की जन्म कुण्डली में पंचम का संबंध दशम से जरुर होना चाहिए. फिल्म इंडस्ट्री हो या नाट्यकला से संबधित क्षेत्र हो, कुंडली का पंचम भाव तथा पंचमेश यदि बलवान होकर दशम भाव व दशमेश से संबध बना रहा है तब व्यक्ति विशेष अभिनय के क्षेत्र से अपनी आजीविका अर्जित करता है. जन्म कुण्डली के पंचम भाव को मनोरंजन का भाव भी कहा जाता है. सिनेमा या अभिनय कला भी लोगों के मनोरंजन का जरिया है, इसलिए पंचम भाव मनोरंजन व दशम भाव आजीविका का भाव कहलाता है.
जन्म कुण्डली के तीसरे भाव से व्यक्ति के सभी प्रकार के शौक देखे जाते है. साथ ही कला से संबंधित कोई भी क्षैत्र हो उन सभी को इसी भाव से देखा जाता है. यदि इस भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव ज्यादा होता है तब व्यक्ति कला से संबंध जरुर रखता है. ग्रहों की प्रकृति से व्यक्ति के शौक निर्धारित किए जा सकते हैं. तीसरे भाव से व्यक्ति में कला, रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता का गुण आता है. तीसरे भाव का संबध पंचम भाव या पंचमेश व शुक्र से बनता है तब व्यक्ति अभिनय के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाता है और उत्तम कोटि का अभिनय करता है. यदि व्यक्ति की जन्म कुण्डली में लग्न या लग्नेश से तीसरे भाव का संबध बनता है तब इसे काफी अच्छा समझा जाता है क्योकि तीसरे भाव से मीडिया तथा संचार के साधनों का भी विश्लेषण किया जाता है और इन्हीं साधनों के माध्यम से व्यक्ति लोकप्रियता हासिल करता है.
अंत में हम एक निष्कर्ष पर यह पहुंचते हैं कि बली लग्न-लग्नेश, बली पंचम-पंचमेश, बली तृतीय भाव व तृतीयेश तथा बली दशम भाव व दशमेश का आपस में जितना शुभ संबंध बनेगा उतना ही अच्छा अभिनेता योग कुण्डली में श्रृष्टि होता है और वो ब्यक्ति एक अच्छा कलाकार बनता है . इन सभी भावों का जितना कमजोर संबंध होगा व्यक्ति की जन्म जातक में अभिनेता योग भी कमजोर हो जाता है , जिससे अभिनय क्षमता भी उसी प्रकार से कम हो जाता है .

अभिनेता योग (अभिनय क्षेत्र से संबंधित ग्रह )

वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है. यदि मन ही अच्छा नहीं होगा तो व्यक्ति आगे कैसे बढ़ सकता है. साथ ही चंद्रमा को कला से भी जोड़ा गया है. अभिनय के क्षेत्र को अपनी आजीविका बनाने के लिए व्यक्ति को अपना मन बली बनाना पड़ता है क्योकि हर कोई व्यक्ति अपने भावों को दूसरों के सामने प्रकट नहीं कर सकता है. इसलिए अभिनय के लिये व्यक्ति का मनोबल ऊँचा होना चाहिए तथा इच्छा शक्ति बली होनी चाहिए. इन दोनो का ही कारक ग्रह चंद्रमा माना गया है. अभिनय के क्षेत्र से जुड़ा दूसरा प्रमुख ग्रह शुक्र है. शुक्र के बिना कला आना मुश्किल है क्योकि यह ग्रह कला के क्षेत्र का मुख्य कारक है. शुक्र अभिनय, कला, नृत्य, संगीत, गीत आदि कारक है. अभिनेता योग में इन सभी का होना जरुरी होता है.
शुक्र चमक-दमक का भी कारक माना गया है और फिल्म जगत बिना ग्लैमर के अधूरा होता है. यदि व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अर्थात मन और शुक्र अर्थात कला, दोनो का संबंध पंचम भाव तथा पंचमेश से स्थापित हो रहा है तब उसके अभिनय के क्षेत्र में जाने के बली अभिनेता योग बनते है. बुध को वाणी का कारक माना गया है इसलिए जन्म कुण्डली में यदि बुध का संबंध चन्द्र व शुक्र से संबध बन रहा है तब व्यक्ति अपनी वाणी का प्रभाव अपने अच्छे व सुंदर डायलाग बोलने से लोगों पर छोड़ता है. जनता बहुत समय तक उसके डायलॉग याद रखती है और उन्हें दोहराती है.
अभिनय के क्षेत्र को अपनी आजीविका बनाने के लिए जन्म कुण्डली में शुक्र को पीडित होना चाहिए क्योकि यदि शुक्र पर पाप प्रभाव नहीं होगा तब व्यक्ति अपनी कला का प्रदर्शन किसी के भी समक्ष नहीं कर पाएगा. वह शर्म महसूस कर सकता है या उसे सभी के सामने अपने आप को दिखाना पसंद ही नहीं होगा. व्यक्ति सर्व साधारण के सामने अपनी कला के प्रदर्शन में अपनी इज्जत नहीं समझेगा. अपनी इस झिझक के कारण ही वह अभिनय क्षेत्र को अपनी आजीविका भी नहीं बनाएगा. यह केवल उसके शौक तक ही सीमित रह जाएगा, वह भी ऎसा शौक जो बंद दरवाजों में ही दफन भी हो सकता है. सफल अभिनेताओ की कुंडली में शुक्र पर पाप प्रभाव बना ही होता है चाहे वह किसी भी रुप में हो. अधिकाँश सफल अभिनेताओ की कुंडली में शुक्र पर मंगल का प्रभाव पाया गया है क्योकि मंगल जोश व ऊर्जा प्रदान करता है, आगे बढ़ने के लिए साहस व पराक्रम देता है. यह था एक सफल अभिनेता योग की बारे में जानकारी , आगे ऐसे ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारा साथ जुड़े रहे .
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