दुर्गा बशीकरण मंत्र
श्री दुर्गा सप्तशती बशीकरण मंत्र
March 19, 2023
दुर्गा
श्री दुर्गा सप्तशती मोहन मंत्र
March 19, 2023
दुर्गा विद्वेषण मंत्र

श्री दुर्गा सप्तशती विद्वेषण मंत्र :

दुर्गा विद्वेषण मंत्र:

“ऐ ह्रीं क्लीं या देबी सर्बभूतेषु भ्रान्ति रूपेण संस्थिता ।
अमुकस्य अमुकेन सह बिद्द्वेषण कुरु कुरु क्लीं ह्रीं ऐ स्वाहा ।।

उपर्युक्त दुर्गा विद्वेषण मंत्र का ग्यारह माला जप प्रतिदिन, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के मध्य किसी भी समय, रुद्राक्ष की माला से चालीस दिन तक करें । माँ की कृपा से कार्य अबश्य ही सम्पन्न होगा ।

जप से पूर्ब चतुर्थ अध्याय में बर्णित भगबती जया दुर्गा का ध्यान करें । यदि ध्येय स्वरूपा भगबती का बिग्रह अथबा चित्र सम्मुख हो तो प्रत्यक्ष पंचोपचार पूजन करके ध्यान तदुपरान्त जप करें, अन्यथा ध्यान के पश्चात् मानसपंचोपचार पूजन करके जप करें ।

प्रेत- भूमि (श्मशान) में बैठकर, प्रेत- बस्त्र (मृत ब्यक्ति के बस्त्र –बिशेष रूप से शबाछादक बस्त्र कफ़न) पर, चिता के कोयले से इस दुर्गा विद्वेषण मंत्र को लिखकर जप करने से सफलता अबश्य ही प्राप्त होती है । यदि श्मशान में दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप करना सम्भब न हो तो घर के किसी पूर्णतया खाली एकांत कक्ष में श्मशान की कल्पना करके जप कर सकते हैं । जप के पश्चात् प्रतिदिन बस्त्र को सुरक्षित स्थान पर उसी कक्ष में ही रख दें । जपकाल पूर्ण हो जाने पर बस्त्र को श्मशान में ही बिसर्जित कर दें ।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र प्रयोग की परिस्थितियाँ –
1. जब कोई ब्यक्ति स्वयं को (अथबा किसी ब्यक्ति को) अनाबश्यक परेशान कर रहा हो तथा अन्य कोई दूसरा उस परेशान करने बाले ब्यक्ति की स्वार्थबश सहायता कर रहा हो उन दोनों के मध्य में बिद्वेषण का प्रयोग करना चाहिए ।

2. किसी के पारिबारिक सुख के संरक्षण हेतु भी इसका प्रयोग कर सकते हैं – यथा पति –पत्नी के मध्य किसी तीसरे ब्यक्ति की अनाबश्यक उपस्थिति होने पर ।

3. परिबार के सन्तानों को अबान्छित दुष्प्रकृति एबं प्रबृति बाले उनके मित्रों से बचाने (पृथक करने) के लिए ।

4. यदि कोई दुष्ट ब्यक्ति किसी अबोध बालिका के साथ प्रेम का नाटक कर उसे बहलाते – फुसलाने का प्रयत्न कर रहा हो तथा बह बालिका भी उसके प्रति आकर्षित हो रही हो ।

साधक (कर्ता) स्वयं अपने बिबेक के अनुसार परिस्थिति पर बिचार कर उचित निर्णय लेकर कर्म करे । किन्हीं दो अच्छे मित्रों के मध्य उन्हें अलग करने के लिए कभी भी बिद्वेषण का प्रयोग न करें ।

Our Facebook Page Link

चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है । हर समस्या का समाधान केलिए आप हमें इस नो. पर सम्पर्क कर सकते हैं : 9438741641 (call/ whatsapp)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *