शत्रु गृह कलह कारक तंत्र : किसी शत्रु के घर में कलह करानी हो तो निम्नलिखित प्रयोग करना चाहिए –
मुर्गे के पूछं तथा पीठ का एक एक पंख लें । फिर अमाबस्या की आधी रात को किसी एकान्त स्थान में पूर्ब दिशा की और मुँह करके पद्मासन लगा कर बैठ जाय तथा पंखों को सामने रख कर निम्नलिखित मंत्र का ७५२२१ बार उचारण करते हुए उन्हें अभिमंत्रित करें –
शत्रु गृह कलह कारक तंत्र मंत्र – “ॐ नम: कालिकायै क्लीं क्लीं क्लीं शत्रु गृहे कलहं बिस्तारय बिस्तारय स्वाहा ।”
अभिमंत्रित करने के बाद उन पंखों को साबधानी से किसी कागज़ में लपेट कर रख लें । फिर अबसर मिलने पर उन्हें शत्रु के घर में अथबा दरबाजे पर गाढ़ दें । यदि गाढना सम्भब न हो तो उन्हें रात के समय शत्रु के घर के आंगन में फेंक दें । इस प्रयोग से शत्रु के घर में इतनी जबर्दस्त कलह का सूत्रपात हो जाता है कि बह उससे परेशान होकर अन्य लोग से शत्रुता निभाने में स्वयं को असमर्थ अनुभब करने लगता है । इतना ही नहीं, बह स्वयं ही शरणागत होकर सदैब के लिए शत्रुता त्याग देता है ।
तंत्र साधना कोई निकृष्ट कर्म नहीं, बल्कि चरम रूप है आराधना ,उपासना का । तंत्र के बारे में जानकारियों के अभाब ने ही आज हमसे छीन ली है देबाराधना की यह सबसे प्रभाबशाली पद्धति । यदि साधक में भरपूर आत्मबिश्वास और निश्चय में दृढ़ता है तो बह श्रद्धापूर्बक साधना करके आसानी से अलोकिक शक्तियों और आराध्यदेब की बिशिष्ट कृपाओं को प्राप्त कर सकता है । सिद्ध साधक बनने के लिए आबश्यकता है साधना के पूर्ण बिधि – बिधान और मंत्रो के ज्ञान । साधना और सिद्धि प्राप्त केलिए आज ही सम्पर्क करे और पाए हर समस्या का समाधान – 9438741641 (Call/ Whatsapp)