सिद्धिदायक हनुमान मंत्र :
पर्बत ब्यायी अंजनी पुत्र जने हनुमंत, रोट लंगोट दरिया ही भुजा।
लौंग सुपारी जायफल पान का बीडा कोने लिया, या साहब जो लिया
या किसको पूजा तेल। हनुमान को पूजा, सिन्दूर चढाया किस अर्थ।
मूठा बंध बार बंध घोर बन्ध, इष्ट बन्ध, तुष्ट बन्ध माठी बन्ध।
मसाणी बन्ध काली भैरब कलेजा बन्ध, कालू बंध दरबाजा बंध।
इतने को बंध, माता अंजनी। पिण्ड कांचा शव्द सांचा, फुरो मंत्र
ईश्वरो बाचा। बाचे से टले तो खारे समुद्र में गले, खारे समुद्र में टले।
कुम्भी पाक नर्क में गले, लोना चमारी के कुण्ड में गले।।
सिद्धिदायक हनुमान मंत्र बिधि : इस मंत्र की सिद्धि इकतालिस दिनों में होती है । श्री हनुमान बिषयक नियमों का पालन करते हुए साधक इकतालीस दिन तक साधक नित्य रात्रि को बारह बजे किसी चौराहे पर अपना सुरक्षा चक्र पानी से बनाकर उसमें चौमुखी आटे का दीपक बनाकर जलायें एबं जल का सिंचन कर शुद्ध स्थान पर एक तेल की शीशी सिंदूर, लौंग, सुपारी, पान, जायफल रखकर इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप करे एबं लाल रंग के बस्त्र धारण करें । सिद्धि के बाद पबन पुत्र की कृपा से साधक के सर्ब कार्य सिद्ध होते हैं ।
यदि आप को सिद्ध तांत्रिक सामग्री प्राप्त करने में कोई कठिनाई आ रही हो या आपकी कोई भी जटिल समस्या हो उसका समाधान चाहते हैं, तो प्रत्येक दिन 11 बजे से सायं 7 बजे तक फोन नं . 9438741641 (Call/ Whatsapp) पर सम्पर्क कर सकते हैं ।