स्वस्तिक के टोटके का उपयोग कैसे करें ?

स्वस्तिक एक प्राचीन धार्मिक चिन्ह है जो भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्व रखता है । इस चिन्ह का उपयोग धार्मिक और आध्यत्मिक आदर्शो के साथ साथ घर की सुरक्षा , समृद्धि और शुभता के लिये भी किया जाता है ।स्वस्तिक टोटके और उपाय , इस चिन्ह के पावरफुल मान्यताओं का हिस्सा है जो ब्यक्ति के जीबन को सुखमय और समृद्धिपूर्ण बनाने का प्रयास करते हैं ।
यह टोटके और उपाय ध्यान ,आध्यत्मिक अभ्यास और मानसिक शान्ति केलिए उपयोगी होती है । यह दिव्य यंत्र के टोटके को अपनाकर ब्यक्ति अपने जीबन में सकारत्मक परिबर्तन और सफलता की और बढ़ सकता है ।
इस ब्लॉग में, हम स्वस्तिक के टोटके और उपायों के बिभिन्न पहलुओं को गहराई से जानेंगे , हम इसके महत्व ,उपयोग और धार्मिक संदेशों के साथ इसके प्राचीनता को भी छूने का प्रयास करेंगे , जिससे आपको धार्मिक और आध्यत्मिक आदर्श के बारे में गहरा ज्ञान होगा । यह टोटके और उपायों के माध्यम से आप अपने जीबन को सकारत्मक और शुभ दिशा में मोड़ सकते हैं और उन्हें अपने आदर्शों के साथ जीबन का हिस्सा बना सकते हैं ।
वास्तुशास्त्र में स्वस्तिक को वास्तु का प्रतीक मान गया है । इसकी बनावट ऐसी होती है कि यह हर दिशा से एक समान दिखाए देता है । घर के वास्तु को ठीक करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।
घर के मुख्य द्वार के दोनों और अष्ट धातु और उपर मध्य में तांबे का यह यंत्र लगाने से सभी तरह का वस्तुदोष दूर होता है ।
पंच धातु का यह बिशिष्ट यंत्र को बनवा के प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद चौखट पर लगवाने से अच्छे परिणाम मिलते हैं । चांदी में नवरत्न लगवाकर पूर्व दिशा में लगाने पर वास्तु दोष दूर होकर लक्ष्मी प्रप्ति होती है ।

स्वस्तिक के 9 चमत्कारी टोटके

पहला उपाय : वास्तुदोष दूर करने के लिए 9 अंगुल लंबा और चौड़ा स्वस्तिक सिंदूर से बनाने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मकता में बदल जाती है।
दूसरा उपाय : मांगलिक, धार्मिक कार्यों में बनाएं यह दिव्य यंत्र :धार्मिक कार्यों में रोली, हल्दी या सिंदूर से बना स्वस्तिक आत्म संतुष्टी देता है । त्योहारों पर द्वार के बाहर रंगोली के साथ कुमकुम, सिंदूर या रंगोली से बनाया गया यंत्र मंगलकारी होता है । इसे बनाने से देवी और देवता घर में प्रवेश करते हैं । गुरु पुष्य या रवि पुष्य में बनाया गया यह दिव्य यंत्र शांति प्रदान करता है।
तीसरा उपाय : व्यापार वृद्धि हेतु :यदि आपके व्यापार या दुकान में बिक्री नहीं बढ़ रही है तो 7 गुरुवार को ईशान कोण को गंगाजल से धोकर वहां सुखी हल्दी से यह यंत्र बनाएं और उसकी पंचोपचार पूजा करें । इसके बाद वहां आधा तोला गुड़ का भोग लगाएं। इस उपाय से लाभ मिलेगा । कार्य स्थल पर उत्तर दिशा में हल्दी का स्वस्तिक बनाने से बहुत लाभ प्राप्त होता है ।
चौथा उपाय : यह दिव्य यंत्र बनाकर उसके ऊपर जिस भी देवता की मूर्ति रखी जाती है वह तुरंत प्रसन्न होते है । यदि आप अपने घर में अपने ईष्टदेव की पूजा करते हैं तो उस स्थान पर उनके आसन के उपर स्वस्तिक जरूर बनाएं।
पांचवां उपाय :देव स्थान पर स्वस्तिक बनाकर उसके ऊपर पंच धान्य या दीपक जलाकर रखने से कुछ ही समय में इच्छीत कार्य पूर्ण होता है। इसके अलावा मनोकामना सिद्धी हेतु मंदिर में गोबर या कंकू से उलटा स्वस्तिक बनाया जाता है। फिर जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वहीं जाकर सीधा स्वस्तिक बनाया जाता है ।
छठा उपाय : सुख की नींद सोने हेतु :यदि आप रात में बैचेन रहते हैं । नींद नहीं आती या बुरे बुरे सपने आते हैं तो सोने से पूर्व स्वस्तिक को तर्जनी से बनाकर सो जाएं । इस उपाय से नींद अच्छी आएगी ।
सातवां उपाय : पितृ पक्ष में बालिकाएं संजा बनाते समय गोबर से स्वस्तिक बनाती है । इससे घर में शुभता, शांति और समृद्धि आती है और पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है ।
आठवां उपाय धनलाभ हेतु : प्रतिदिन सुबह उठकर विश्वासपूर्वक यह विचार करें कि लक्ष्मी आने वाली हैं । इसके लिए घर को साफ-सुथरा करने और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद सुगंधित वातावरण कर दें । फिर भगवान का पूजन करने के बाद अंत में देहली की पूजा करें । देहली के दोनों ओर यह यंत्र बनाकर उसकी पूजा करें । स्वस्तिक के ऊपर चावल की एक ढेरी बनाएं और एक-एक सुपारी पर कलवा बांधकर उसको ढेरी के ऊपर रख दें। इस उपाय से धनलाभ होगा ।
नौवां उपाय : बेहद शुभ है लाल और पीले रंग का स्वस्तिक : अधिकतर लोग इस यंत्र को हल्दी से बनाते हैं । ईशान या उत्तर दिशा की दीवार पर पीले रंग का स्वस्तिक बनाने से घर में सुख और शांति बनी रहती है । यदि कोई मांगलिक कार्य करने जा रहे हैं तो लाल रंग का स्वस्तिक बनाएं । इसके लिए केसर, सिंदूर, रोली और कुंकुम का इस्मेमाल करें ।

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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