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हाई ब्लडप्रेशर

उंच रक्तचाप ( हाई ब्लडप्रेशर ) :

हाई ब्लडप्रेशर : इस रोग को हाई ब्लडप्रेशर के नाम से जाना जाता है । आज के तनाबपूर्ण माहौल ब गृह कलह के कारण यह रोग होता है । यह जानलेबा रोग किसी को भी हो सकता है । रोगी के शरीर के रक्त का स्तर एकदम बढ़ जाता है । ज्यादा गुस्से के कारण ,तनाब के कारण ,चिन्ता के कारण ,अधिक मेहनत ब तेज धूप में काम के कारण भी यह रोग हो जाता है । सामान्य लगने बाली यह बीमारी भयानक बीमारी है । इस रोग में रोगी को गुस्सा आता है , मुँह लाल हो जाता है तथा मुँह पर सूजन आ जाती है । साँस लेने में कठिनाई होती है । बेहोशी की हालत हो जाती है । यह रोग बन्शानुगत भी हो सकता है ।

हाई ब्लडप्रेशर के ज्योतिषीय सिद्धांत :
ह्रदय का कारक चन्द्रमा है । कर्क राशि का क्षेत्र यदि सूर्य, शनि, राहु, चन्द्र या मंगल युक्त हो तो किसी अन्य रोग के कारण उंच रक्तचाप हो सकता है । मिथुन राशि में पाप ग्रहों का होना भी उंच रक्तचाप का कारण हो सकता है । चन्द्रमा शनि राहु – केतु का योग भी रक्तचाप को अनियंत्रित कर देता है । दो या अधिक पाप ग्रह यदि मिथुन कर्क , सिंह कन्या या कुम्भ राशि में इक्कट्ठे हो जायें तो रक्तचाप रोग हो सकता है ।

लग्नेश का रत्न धारण करे । ८ – ९ रती का लाल रंग का शुद्ध मूँगा भी पहन सकते हैं । सहायक रत्नों के रूप में पन्ना, मोती, मूनस्टोन आदि अलग – अलग अंगूठियाँ पहनने से लाभकारी होगा । रत्नों का सही चुनाब करके बिधिबत सहकारे पूजा अनुष्ठान से अभिमंत्रित करके धारण करना सदेब उचित रहेगा ।

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नोट : यदि आप की कोई समस्या है,आप समाधान चाहते हैं तो आप आचार्य प्रदीप कुमार से शीघ्र ही फोन नं : 9438741641{Call / Whatsapp} पर सम्पर्क करें।

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