Simha Rashi Ke Logon ki Khaas Baatein

Simha Rashi ke Logon ki Khaas Baatein :

सिंह – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राशि स्वरूप – शेर जैसा
राशि स्वामी – सूर्य
यह ब्लॉग पोस्ट (Simha Rashi ke Logon ki Khaas Baatein) में हम सिंह राशि के बारे में details में जानकारी देंगे । सिंह राशि पूर्व दिशा की प्रतीक है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है। केतु-मंगल की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति दिमागी रूप से तेज होता है। केतु- शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। केतु- बुध के प्रभाव से कल्पना करने और हवाई किले बनाने की इनकी सोच होती है। चंद्र- केतु की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति का विकास होता है।
1-इस पोस्ट (Simha Rashi ke Logon ki Khaas Baatein) में हम सिंह राशि वालों का चरित्र के बारे में बिस्तृत जानकारी प्रदान करेंगें। सिंह राशि शाही राशि मानी जाती है। सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही, और रहना शाही। इस राशि के जातक जुबान के पक्के होते हैं। जातक राजसी, अभिमानी और स्वाभीमानी होते हैं इन्हें अपनी क्षमता और ज्ञान पर विश्वास होता है। ये साहसी, उदार, दयालु, उत्साह और जोश से भरपूर होते हैं। ये लौकिक कलाकार होते हैं, इनका स्वामी ग्रह सूर्य इन्हें समाज में लोकप्रिय बनाता है। जातक आदेश देना जानता है, किसी का आदेश उसे सहन नही है, जिस किसी से प्रेम करेगा , मरते दम तक निभाएगा। जीवन साथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा। जातक जल्दबाज भी होते हैं। नेतागिरी का गुण होने के कारण ये लोग खुशामद पसंद भी होते हैं।
2- सिंह राशि चक्र की पाचवीं राशि है। और इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है। सिंह राशि के जातक को अपने आपके सुन्दर व्यक्तित्व को निहारना अच्छा लगता है। अपनी उत्सुकता, आश्चर्यजनक स्पष्टवादिता और बुद्धि की सराहना करना इन्हे अच्छा लगता है। इस राशि के लोगों में सूरज के समान नेतृत्व करने के गुण होते हैं। धन के मामले में ये उदार होते हैं। इसी उदारता के कारण जुए और सट्टे में धन का नुकसान भी उठाना पड़ता है और उधार दिया हुआ रुपया भी वापस नहीं मिलता है।
3- सिंह राशि के जातक को प्यार किए जाने का एहसास बहुत रोमाचिंत कर देता हैं और ये जिन्दादिली से भर जाते हैं। ये आत्ममुग्ध होते हैं और ये बिना किसी बंदिश, बंधन और आशा के प्यार करना चाहते हैं और बदले में इसी बात की आशा अपने साथी से करते हैं। सिंह के जैसे शक्ति और राज की इच्छा इन्हे प्यार में भी होती हैं ।समर्पण और सुरक्षा की भावना इन्हे अच्छी लगती है। ये जितनी उदारता दिखाते हैं बदले में उतने की ही कामना करते हैं। इस राशि वाले व्यक्ति से पति-पत्नी का विरोध तो होता ही है, भाई-बहन से भी विरोध होते रहता है।
4- सिंह राशि के जातक अति उत्साही , स्नेही और प्यारे होते हैं । ये अपने प्रिय की बड़े लाड़- प्यार से देख- भाल करते हैं और अपना प्यार खुले दिल से प्रदर्शित करते हैं अपना प्यार का जोर- शोर से और दिखावे बाजी के साथ इजहार करते हैं, बदले में ढेर सारी प्रशंसा और धन्यवाद की उम्मीद करते हैं। इनमें एक अच्छा जीवन साथी बनने के सम्पूर्ण गुण होते हैं। ये सबंधो को अपने अनुसार चलाना चाहते हैं। जातक अपने साथी से वफादारी, चरित्र की श्रेष्ठता और प्यार की उम्मीद करते हैं। और अपने उग्र स्वभाव और गुस्से के प्रति समर्पण की भावना चाहते हैं।
5- जातक गंभीर, शूरवीर और तेजस्वी होते हैं। इस राशि के लोग इरादे के मजबूत और धैर्यवान होते हैं। आत्मसंतुष्ट सिंह राशि के जातक किलोल करते हुए अपनी उपलब्धियों का जयगान करते रहते हैं। इससे उनके अंहकार की भावना को संतुष्टि मिलती हैं। ये खुद निर्णय लेना पसंद करते हैं और जो सलाह दूसरों को देते हैं उस पर खुद भी अमल करते हैं। साथ ही कमजोरों की रक्षा करते हैं।
6- इनके लिए प्यार बड़ा रुमानी होता हैं किसी रोमाटिंक फ़िल्म की तरह या परी कथा की तरह। इस लगन में जन्म लेने वाला जातक जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे में दुखी और अन्तिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है।
7- उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण जातक में अपने प्रति स्वतन्त्रता की भावना भरता है, और जातक को किसी की बात न मानने के लिये बाध्य करता है। पांडु मिट्टी के रंग वाले जातक, पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले लोग, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं, कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है, छाती बड़ी होने के कारण इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी बाज नहीं आते। जातक के अन्दर छछोडपन वाली बात नहीं होती है, अपनी मर्यादा में रहना, और जो भी पहले से चलता आया है, उसे ही सामने रख कर अपने जीवन को चलाना, इस राशि वाले व्यक्ति से सीखा जा सकता है।
8- सिह राशि वाला जातक जब किसी के घर जाएगा, तो वह किसी के द्वारा दिये जाने वाले आसन की आशा नही करेगा, वह जहां भी उचित और अपने लायक आसन देखेगा, जाकर बैठ जाएगा। वह जो खाता है वही खाएगा, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा। अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नही है, और सबसे अधिक अपने जीवन साथी के बारे में वह किसी का दखल पसंद नही कर सकता है।
9- जातक गलत रास्ता नहीं अपनाते हैं। अपना काम दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ करते हैं। जातक कठोर मेहनत करने के आदी होते हैं, और राशि के प्रभाव से धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं, पंचम राशि का प्रभाव कालपुरुष की कुन्डली के अनुसार इनको तुरत धन वाले क्षेत्रों में भेजता है, और समय पर इनके द्वारा किये गये पूर्व कामों के अनुसार ईश्वर इनको इनकी जरूरत का चेक भेज देता है। इस राशि वाले जातक जो भी काम करते हैं वे दूसरों को असमंजस में डाल देने वाले होते है, लोग इनके कामों को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं। स्वर्ण, पीतल, और हीरा जवाहरात के व्यवसाय इनको बहुत फ़ायदा देने वाले होते हैं। ये सरकार जैसे और राजाओं जैसे ज़िन्दगी जीने का शौक रखते हैं।
10- इस राशि के जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पायी जाती है। इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है, या फ़िर आजीवन बीमार रहते हैं, जिस वातावरण में इनको रहना चाहिए, अगर वह न मिले, इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाए, या इनके प्रेम में कोई बाधा आए, तो यह लोग अपने मानसिक कारणों से बीमार रहने लगते हैं।
अधिकतर इस राशि के लोग रीढ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं, और इस हड्डी का प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर होने से, चोट अथवा बीमारी से शरीर का वही भाग निष्क्रिय हो जाता है, जिस भाग में रीढ की हड्डी बाधित होती है। वैसे इस राशि के लोगों के लिये ह्रदय रोग,धड़कन का तेज होना, लू लगना, और संधिवात ज्वर होना आदि होता है।
11- व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और किसी की बात नहीं मानता। ये लोग पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है। इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर जोखिमभरे काम करने से भी नहीं चूकते। इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। ये लोग जो खाते हैं वही खाएंगे, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेंगे।
व्यक्ति कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। ये लोग सरकार और नगर पालिका में कार्यरत हैं तो इन्हें लाभ अधिक मिलता है। व्यक्ति की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है।
12- इस राशि वालों को मूत्र रोग और ह्रदय रोगों के विकार होते हैं। जातक नेतृत्व प्रधान गुण होने के कारण अपना काम आसानी से बना लेते हैं। इस राशि वालों के पास अपना धन होता है, लेकिन परिवार के लोगों से विशेष लाभ नहीं होता। साहसिक कार्य में इस राशि के लोग सबसे आगे रहते हैं। यह था सिंह राशि बालों के 12 प्रमुख बातें (Simha Rashi Ke Logon ki Khaas Baatein), जो आपके सामने दिया गया है ।

Sinha Rashi Keliye Kuchh Salah :

Sinha Rashi जातक को 1, 10, 19, 28 तारीखों को जन्मे तथा 21 नवम्बर से 28 दिसंबर तक जन्मे व्यक्ति से विवाह और व्यापार करना चाहिए।
– मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकले।
– आग को दूध से बुझाएं।
– भगवान विष्णु की उपासना करें।
– सूर्य को अर्घ्य दें।
– रविवार का व्रत रखें। यह था मोटामोटी सिंह राशि लोगों के उपर कुछ ख़ास बातें (Simha Rashi Ke Logon ki Khaas Baatein) ,अगर आपको हमारा ब्लॉग पोस्ट अच्छा लगा तो आप अपने मित्र लोगों के साथ Share करे और ऐसे ज्ञान बर्द्धक जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) +91- 9438741641 (call/ whatsapp)

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