तांत्रिक प्रयोग का रहस्य

विद्वेषण :-
जैसी खतरनाक तांत्रिक प्रयोग (Tantrik Prayog) द्वारा पति-पत्नि में झगडे करवा दिए जाते हैं फिर वे ही एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं ।
ताडन :-
जैसी भयानक तांत्रिक प्रयोग (Tantrik Prayog) द्वारा व्यक्ति को बीमार कर दिया जाता हैं । फिर बीमारी ही पकड में नहीं आती है अथवा इलाज करवा-करवा कर थक जाते हैं फिर भी लाभ नहीं होता हैं ।
स्तंभन :-
जैसी तांत्रिक प्रयोग एवं टूने-टोटकों द्वारा व्यापार-व्यवसाय ट्रक-बस खेती आदि को बाँध दिया जाता है जिससे धन की आवक एवं ग्राहकी कम हो जाती हैं । कर्ज बढता ही जाता हैं एवं अंत में लाखों-करोडों का घाटा हो जाता हैं ।
मारण :-
मारण प्रयोग अर्थात् मूठ द्वारा व्यक्ति को मार दिया जाता है । ठंडी मूठ मार दी जाती है तो व्यक्ति बहुत समय तक बीमार रहता है फिर तडप-तडप कर मर जाता है ।
उच्चाटन :-
उच्चाटन जैसी तांत्रिक प्रयोग एवं टूने-टोटके घरों में कर दिये जाते हैं तो फिर घरों में उच्चाटन होने लग जाता है अर्थात् घरों में छोटी-छोटी बातों पर लडाई-झगडे होने लग जाते हैं । फिर घर से सुख-शांति एवं बरकत दोनो ही चली जाती हैं । फिर धन व्यर्थ के कार्यों में ही खर्च होता रहता है । परिणामस्वरूप धीरे-धीरे पूरा घर बर्बाद हो जाता हैं ।
वशीकरण :-
वशीकरण द्वारा स्त्री-पुरूषों अथवा लडके-लडकियों को वश में कर लिया जाता है अर्थात् उनकी बुद्धि बांध दी जाती है जिससे वे वही करते हैं जो उन्हे वश में करने वाला कहता हैं । वश में किया हुआ व्यक्ति अपना भला-बुरा कुछ भी नहीं समझ पाता हैं । वह व्यक्ति मान-मर्यादा को त्यागकर कई गलत कदम उठा लेता हैं । परिणाम यह होता है कि जीवन नर्क बन जाता हैं । तांत्रिक प्रयोग मंत्रों द्वारा कुछ वस्तु सिद्ध कर लि जाती है फिर उसे मिठाई शराब अथवा पान में खिला दिया जाता है । परिणाम यह होता है कि व्यक्ति में शराब दूसरी स्त्रियों अथवा वैश्याओं का संग, जैसी कई बुरी आदतें आ जाती है । फिर उस व्यक्ति के कारण घर वालों का जीना हराम हो जाता है ।
तांत्रिक प्रयोग (Tantrik Prayog) द्वारा स्त्रीयों की कोख भी बांध दि जाती है फिर उन्हें कभी संतान नहीं हो पाती हैं । कई बार मारण तांत्रिक प्रयोग डिलेवरी के समय कर दिया जाता है तो बच्चा जन्म लेने के बाद बीमार हो जाता हैं एवं कभी-कभी तो उसकी अकालमृत्यु भी हो जाती हैं । तांत्रिक प्रयोग द्वारा स्त्रीयों के मासीक धर्म संबंधी रोग, गुप्त रोग एवं असाध्य रोग भी उत्पन्न कर दिये जाते हैं ।
जैसे कांटे से ही कांटा निकलता है तलवार से नहीं । ठिक उसी प्रकार तांत्रिक प्रयोग (Tantrik Prayog) की शांति केवल तांत्रिक मंत्रों द्वारा ही हो सकती हैं । दान-पुण्य पूजन-पाठ करवाने से नहीं । यदि तांत्रिक प्रयोग (Tantrik Prayog) का निराकरण या समाधान समय पर नहीं होता है तो व्यक्ति मौत के मुंह में पहंच जाता है व्यापार- व्यवसाय खेती सब कुछ बरबाद हो जाता हैं एवं जीवन नर्क बन जाता हैं ।
पति-पत्नि के बीच प्रतिदिन लडाई- झगडे एवं क्लेश क्यों होते हैं शादी-विवाह में रूकावटें क्यों आती हैं तथा पति-पत्नि कभी सुख से क्यों नहीं रह पाते हैं … ये सब भी बुरे समय आने पर ग्रह दशा के प्रभाब से हमको झेलना पड़ता है और दुसरे तरफ देखा जाए तो कोई ना कोई तांत्रिक किया कराया भी हो सकता है ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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