आसन स्तम्भन मंत्र क्या है?

Aasan Stambhan Mantra Kya Hai ?

आसन स्तम्भन मंत्र : “ॐ नमो दिगम्बराय अमुकासन स्तम्भनं कुरु कुरु स्वाहा ।”
यह मंत्र 10000 की संख्या में जपने से सिद्ध होता है । इस मंत्र में जंहाँ “अमुक” शव्द आया है, वँहा जिस ब्यक्ति के आसन का स्तम्भन करना हो, उसके नाम का उचारण करना चाहिए । जब इस मंत्र का प्रयोग में लाना हो, तब इसका हर बार 108 बार जप और करना चाहिए ।

Aasan Stambhan Mantra Prayog –

(1) श्मशान से अग्नि लाकर, उनमें उक्त मंत्र का उचारण करते हुए नमक की आहुतियां देने से जिस ब्यक्ति के नाम पर आहुतियां दी जायेगीं, उसके आसन का स्तम्भन हो जाएगा ।
(2) मनुष्य की खोपड़ी में मिट्टी भरकर, उसने सफ़ेद घुंघुची के बीज बो दें तथा उस की जड़ को प्रतिदिन दूध से सींचते रहे, उस बीज से जो लता उत्पन्न हो, उसको शाखा, मूल तथा लता को उक्त मंत्र से 108 बीज अभिमंत्रित करके जिस ब्यक्ति के सामने डाल दिया जायगा, उसका आसन स्तम्भित हो जायगा, अर्थात बह ब्यक्ति बहां से उठकर किसी अन्य स्थान पर नहीं जा सकेगा ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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