Apamarg ke Tantrik Prayog : (दुर्गाजी सिद्ध होनी चाहिए…)
अपामार्ग के उपयोग की विधियाँ :
1. अपामार्ग का रस :
अपामार्ग के पत्तों से निकाला गया ताजा रस पीने से त्वचा की स्वास्थ्य सुधारता है और त्वचा संबंधित समस्याओं का समाधान होता है ।
2. अपामार्ग के पत्ते का पैस्ट :
ताजा अपामार्ग के पत्तों को पीसकर बनाएं पेस्ट और इसे त्वचा पर लगाने से जलन, खुजली और दानों में आराम मिलता है ।
3. अपामार्ग के बीजों का तेल :
अपामार्ग (apamarg) के बीजों से निकाला गया तेल जोड़ों के दर्द में आराम प्रदान करता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है ।
4.इसकी चार अंगुल की जड को गाय के घी से सिद्ध करके योनि में प्रबिष्ट कराकर 108 मंत्र दुर्गा का पढने से रुका हुआ मासिक या गर्भ तुरंन्त बाहर आ जाता है ।
5. इसके सात अंगुल की जड को 108 दुर्गा मंत्र से सिद्ध करके किसी के घर मे फेंक्ने पर बांछित सदस्य बशीक्रुत हो जाता है ।
6. चिरचिटा की जड को घिसकर अनार की छाल के रस मे मिलाकर आज्ञाचक्र पर तिलक करने से देखने बाला बशीभुत होता है ।
7. अपामार्ग (apamarg) की जड को घिसकर बिछू के काटने के स्थान पर लगाने से बिष दूर हो जाता है ।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार: (Mob) :+91- 7655043335 / 9438741641 (call/ whatsapp)