बट यक्षिणी साधना कैसे करें?

Batt Yakshini Sadhana Kaise Kare ?

बट यक्षिणी यक्षलोक की बासिनी और भोग ऐश्वर्य से सम्बन्ध रखने बाली देबियां हैं । ये लोग जलों और धनों की रक्षा करते हैं ।

इनके राजा धनाधिपति भगबान कुबेर हैं जो अपनी अमराबती के समान समृद्ध राजधानी अलकापुरी में निबास करते हैं । बहाँ करोडों यक्षो का निबास माना गया है ।

बट यक्षिणी मंत्र : ॐ क्रीं बट यक्षिणयै नम: ।।

Batt Yakshini Sadhana Anusthan : 

पूर्बोक्त बिधान पूरा करके बट (बरगद) के पेड के ऊपर बैठकर ११००० जप १५ दिन करे। यक्षी की कृपा हो जाती है । साधना से पूर्ब गणेश, गौरी, नबग्रह, गुरूदेब, महामृत्युंजय और यक्षराज का समान्य पूजन नित्य करना होता है ।
इस समय मां, बहन, पत्नी, पुत्री के रूप में ही ये पूजी जाती हैं किन्तु इस पूजा से उन रिश्तेदारों को कष्ट भी कभी कभी होता है । गुग्गुल घी धूप सबको तथा घृतदीप देना है ।

फल : धन, बल, पुत्र, राज्य, भूमिगत धन तथा एक दैबीय बिद्या प्रदान करती है ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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