बीर साधना के विधान

Beer Sadhana Ke Vidhan :

बेताल साधना की भांति बीर साधना भी राजपूतकाल में बहुत प्रचलित रही है । बिशेषकर साहसी लोगों के द्वारा एकबीर साधना एक आम प्रचलन था । इन बीरों से लोग लोकोपकार किया करते थे ।

Beer Sadhana Parichay :

यह साधना ४५ दिन की साधना है । ४५ दिन साधना कर लेने पर बीर सिद्ध हो जाता है और साधक की हमेशा सहायता करता रहता हैं किन्तु इस सिद्धि का प्रयोग में करने से साधना की शक्ति कम होती चली जाती है और साधक को उसका सिद्धबीर छोडकर चला जाता है ।

Beer Sadhana Benefits :

इस साधना का साधक कभी अकेला नहीं रहता उसका बीर सदा उसकी रक्षा करता है । बीर साधना में ही कई प्रकार की निम्नकोटि की साधनाएं भी आती हैं जो बैसा ही फल देती हैं । ऐसे साधक में बल, बुद्धि, कार्यक्षमता बढ जाती है तथा बह हमेशा ध्यानस्थ और शान्त रहने लगता है ।

Beer Sadhana Vidhan :

साधना के लिए एकान्त नदी तट, निर्जन देबालय, कोई शान्त एकान्त जलस्थान, प्राचीन एकान्त बट बृक्ष, पुराना राजमहल, युद्धभूमि आदि में से कोई एक अनुकूल स्थान चुन लें तथा ४५ दिन की साधना सामग्री एकत्र कर लें। स्थान ऐसा हो जहाँ बह ४५ दिन तक रोज रात में जाकर साधना पूजा करके रात में ही घर आ सके । अथबा ४५ दिन बहीं पर रहे । सायंकाल स्नानकर शुद्ध बस्त्र पहन आसन पर बैठ जल, फूल, चाबल, चन्दन, इत्र, मिठाई, तेल का दीपक (तिल के तेल का) या धूप दीप जलाएं निम्नबत् ३२ माला का जप करें । पूजा और जप मंत्र अलग अलग हैं । ४५ बें दिन बीर स्वयं साधक से बात करता है ।

Beer Sadhana Mantra :

साधना मंत्र : “ॐ नमो: बीरेश्वर बीरमेकै साधय साधय प्रसीद।।”
दोनों की अलग-अलग पूजा नित्य करके जप करें ।

पूजा मंत्र : “ॐ नमो: बीरेश्वर ॐ नमो: बीरय मम लघु पूजा ग्रहण ग्रहण नमस्तुभ्यम्।।”

इस मंत्र से पूजा करें । बीरेश्वर ब बीर की पूजा करें ।

Beer Sadhana Mantra Vidhi :

बीर साधना ४५ दिन की साधना है पूजा मंत्र से नित्य ४५ दिन तक जल, फूल, चाबल, चन्दन से बीर की पूजा करके मिठाई का भोग लगाबें और इत्र का फाहा भी रखें ।

साधना के पश्चात् : बीर साधक को सदैब उत्तम चरित्र का रहना पडता है । त्यागबृति से रहना पडता है । बीर काम तो सब करते है किन्तु पाप, दुराचार, चोरी अनीति, अन्याय के कार्य करने पर साधक का त्याग कर देते हैं और स्वयं भी साधक को कष्ट देने लगते हैं । अत: ऐसे कार्य साधक स्वार्थ या चमत्कार के लिए कभी न करें, न बीर से कराएं अन्यथा बहुत कष्ट होता है ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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