चंडिका मारण प्रयोग कैसे करें ?

Chandika Maran Prayog Kaise Kare ?

चंडिका मारण प्रयोग साधना तब करे जब जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया हो । कोई मार्ग नज़र न आ रहा हो । दरिद्रता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हो । क्युकी ये प्रयोग मारण प्रयोग है, अरे नहीं किसी व्यक्ति का नहीं, अपने कष्टो पर भी तो मारण किया जा सकता है न ।
दरिद्रता, रोग, गृह क्लेश और भी न जाने क्या क्या कष्ट है जीवन में, जो आपको रात दिन तील तील मारते रहते है, इससे पहले कि ये आपको पूरी तरह मारदे आप कर ही दीजिये इन पर चंडिका मारण प्रयोग ।
ये प्रयोग (Chandika Maran Prayog) तीन दिन का है, किसी भी रविवार या अमावस्या कि रात्रि १२ बजे इसे किया जा सकता सकता है । दक्षिण कि और मुख कर बैठ जाये, आसन वस्त्र लाल हो तथा जाप होगा रुद्राक्ष कि माला से । सामने महाकाली का कोई भी चित्र स्थापित करे लाल वस्त्र पर माँ का सामान्य पूजन करे, तील के तेल का दीपक हो । भोग में माँ को गूढ़ अर्पण करे । रक्त पुष्पो से पूजन करे । इसके बाद २१ माला आप मंत्र का जाप करे । भोग नित्य स्वयं खा ले । अंतिम दिन जाप के बाद घी में कालीमिर्च तथा काले तील मिलाकर १०८ आहुति प्रदान करे, तथा अंत में एक निम्बू पर मंत्र को २१ बार पड़कर फुक मार दे । और मंत्र पड़ते हुए ही निम्बू अग्नि कुंड में डाल दे । नित्य पूजन के बाद भी स्नान कर लिया करे ।

Chandika Maran Prayog Mantra : 

मारण प्रयोग मंत्र: “क्रीं ह्रीं क्रीं महाकाली चण्डिके आपदउद्दारिणी अनंगमालिनि सर्वोपद्रव नाशिनी क्रीं ह्रीं क्रीं फट।”
मित्रो इस प्रकार ये प्रयोग (Chandika Maran Prayog) पूर्ण होता है,जो आपके जीवन से समस्त शोक दुःख आदि को दूर कर देगा ।

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जय माँ कामाख्या

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