चिंचीपिशाचनी भविष्य दर्शन साधना

सामग्री : नीलबर्ण भोजपत्र, गोरोचन, केसर, दूध
मंत्र : ॐ क्रीं चिंचीपिशाचनी स्वाहा।।
 
Chinchipishachini Vidhan :
गोरोचन, केसर और दूध इन सबको मिलाकर भोजपत्र पर अष्ट-दल की रचना करें, प्रत्येक दल पर मायाबीज (ह्रीं) लिखें । इसे अपने सिर पर धारण कर लें और मंत्र का यथासम्भब जाप करें । रोजना २-३ घंटे इसका जाप लगातार ७ दिन करने के बाद यखिणी स्वयं प्रकट होकर आपको भूत भबिष्य का बर्णन करती है ।
 
इसमें मंत्र की संख्या निशिचत् नहीं होती है, इसलिए साधक अपनी श्रधा से जितना अधिक चाहे जप कर सकता है, जितना गहन जाप होगा प्रभाब उतना ही शीघ्र होगा । सम्पुर्ण बिधि की जानकारी गुरू से प्राप्त करके आगे बढ सकते हो , बिना गुरु से आगे बढना खतरा को आमंत्रण करना ।

हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment