डाकिनी साधना

डाकिनी साधना से आप अपना किसी भी प्रकार का काम करवा सकते हो यह ध्यान रखने की बात है साधना कोई भी करो आपको सबसे पहले ऊर्जावान होना जरूरी है जब तक आप ऊर्जावान नहीं होंगे ध्यान एकाग्रता नहीं होगा आप किसी भी साधना में सफल नहीं हो पाओगे । यह साधना गुरु दीक्षा लेकर हिं करना चाहिए क्योंकि यह साधना उग्र साधना है।
सर्वप्रथम आपको यह साधना किसी चौराहे पर या अपने साधना स्थल पर निर्वस्त्र होकर करना है।और दिए गए मंत्र की 21 माला जाप करें 21 माला हो जाने के बाद पीली सरसों लेकर चारों दिशाओं में फेंक दें और पुनः जाप प्रारंभ करें डाकिनी स्वयं दौड़ती हुई आएगी और आपका कहां हुआ काम तुरंत करेगी और जो मांस मदिरा है उसका भोग दे देना है उसे आपका काम तीव्र होगा ।

Dakini Sadhana Samagri :

मास, मदिरा, चर्बी का दीपक जलाना है {{चारमुखा दीपक जलाना है चर्बी का }}
मंत्र : “ॐ स्यार की खबासिनी , समंदर पार धाई, आव बैठी हो तो आव ठाङी आव चलती आ । उछलती आ न आये ङाकिनी तो जालंधर पीर की आन। शब्द सांचा। पिण्ङ कांचा। फुरे मन्त्रं ईश्वरों वाचा ।।”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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