सिद्धि के लिए गुहिया बैताल मंत्र

Siddhi Ke Liye Guhiya Baital Mantra :

गुहिया बैताल मंत्र : ॐ गुहिया बैतालाय नम: ।।

Guhiya Baital Mantra Vidhi :

इस मंत्र की सिद्धि पन्द्रह दिन में नियम पूर्बक जप से होती है । इस साधना (Guhiya Baital Mantra Sadhana) हेतु साधक सर्बप्रथम रबिबार की प्रभात को कपिला गौ का गोबर भूमि पर गिरने से पूर्ब हाथ में रोक लेबें फिर जंगल या एकान्त में जाकर उस गोबर के चार कण्डे बनाबें । ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करते हुए कपिला गौ के दूध के साथ नमक रहित भोजन करें, जब शौच लगे तब उसी एकांत में जहाँ कण्डे पडे हैं बहाँ जाकर एक कण्डे पर दायां पैर एक कण्डे पर बायां पैर रख कर एक कण्डे पर शौच तथा एक कण्डे पर पेशाब त्यागते हुए उक्त मंत्र का एक हजार जप करें ।

यह शौच क्रिया (जप) तीसरे रबिबार तक नियमित करें । जब तीसरा रबिबार आये उस दिन श्मशान की अग्नि लाकर मल (बिष्ठा) बाला कण्डा एबं पेशाब बाला कण्डा दोनों को अलग अलग जलाबें और अलग अलग रख लें । पश्चात् जब शत्रु के घर आंगन में बिष्ठा के कण्डे की भस्म डालेंगे तो शत्रु के घर आंगन में खाने पीने की बस्तुओं में सर्बत्र बिष्ठा नजर आबेगा यानी चारों और मल ही मल हो जाएगा । जब शांत करना हो तो पेशाब बाला भस्म फेंक देने से बिष्ठा होना बन्द हो जाएगा ।

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