कारागृह बन्दी मोक्ष मन्त्र प्रयोग

Kaaragrih Bandee Moksh Mantra Prayog :

।। बन्दी देबी प्रयोग ।।

एकादाशाक्षर मंत्र (Kaaragrih Bandee Moksh Mantra) – “ॐ हिलि हिलि बन्दी देब्यै नम: ।।”

अष्टादशाक्षर मंत्र (Kaaragrih Bandee Moksh Mantra) – “ऐ ह्रीं श्रीं बन्दी अमुष्य (ब्यक्ति का नाम) बन्द्द् मोक्षं कुरु कुरु स्वाहा ।।”

Kaaragrih Bandee Moksh Mantra Biniyoga :

बिनियोग – ॐ अस्य श्री बन्दी मंत्रस्य भैरब ऋषि, त्रिष्टुप छन्द: बन्दी देबता, भब बन्ध कारागार बंधन मुक्तये जपे बिनियोग: ।

षडन्गन्यास – ॐ हृदयाय नम:। ॐ हिलि शिरसे स्वाहा । ॐ हिलि शिखायै बष्ट। ॐ बन्दी कबचाय हुम्। ॐ देब्यै नेत्रत्रयाय बौष्ट । ॐ नम: अस्त्राय फट् ।

ध्यानम्

सतोय पाथोद समान कान्ति अम्भोज पीयूषकरी ह्स्ताम् ।

सुराडंगना सेबित पाद पद्मां भजामि बन्दी भबबन्ध मुक्तये ।।

।। यंत्रार्चनम् ।।

षट्कोण अष्टदल भुपूर बनायें । पश्चात् षट्कोणादि प्रत्येक आबरण की पूजा करें ।

प्रथमाबरणम् – (षट्कोण) ॐ हृदयाय नम: । ॐ हिलि शिरसे स्वाहा । ॐ हिलि शिखायै बष्ट । ॐ बन्दी कबचाय हुम् । ॐ देब्यै नेत्रत्रयाय बौष्ट । ॐ नम: अस्त्राय फट् ।

द्वितीयाबरणम् – (अष्टदले पूर्बादि क्रमेण) – ॐ काल्यै नम: । ॐ तारायै नम: । ॐ भगबत्यै नम: । ॐ कुब्जायै नम: । ॐ त्रिपुरायै नम: । ॐ मातृकायै नम: । ॐ लक्ष्म्यै नम: ।

तृतीयाबरणम् – (भूपूरे दश दिक्षु) यथा – पूर्बादि क्रमेण – ॐ इन्द्राय नम: । आग्न्ये नम: । यमाय नम: ।निऋतये नम: । बरुणाय नम: । बायबे नम: । कुबेराय नम: । ईशानाय नम: । ईशान एबं पूर्ब मध्ये – ब्रह्मणे नम: । नैऋत्य पश्चिम मध्ये अनंताय नम: ।

चतुर्थबरणम् – (भूपूरे –इन्द्रादि लोकपाल समीपे) –ॐ बज्राय नम: । ॐ शक्तये नम: ।ॐ दण्डायै नम: । ॐ खड्गाय नम: । ॐ पाशाय नम: । ॐ अंकुशाय नम: । ॐ गदायै नम: । ॐ त्रिशुलाय नम: । ॐ पद्माय नम: । ॐ चक्राय नम: ।

पश्चात् यंत्र मध्य में देबी का पूजन कर जप करें । दो लाख जप कर खीर से दशांश होम करे ।

Kaaragrih Bandee Moksh Mantra Prayog Vidhi :

मालपुआ पर घी के चतुरस यंत्र बनायें । परन्तु घी से यंत्र बनाना कठिन है घी तो पिघल जायेगा ही अत: पूरा यंत्र मंत्र कल्पना के समान ही बनेगा ।

अत: घी में कलम डुबोकर यंत्र बनायें । अथबा केसर से मालपुये पर यंत्र बनाये उसके चारों और अठारह अक्षर का मंत्र लिखकर उसमे देबी का आबाहन करें । पूजा किया हुआ मालपुआ जिस ब्यक्ति को बन्दीगृह से छुडाना हो उसे खिलायें । बन्दी ब्यक्ति देबी का स्मरण करता हुआ उसे खायें तो कारागृह से शीघ्र छूटे ।

 

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