कर्ण पिशाचिनी शूकर दंत साधना

Karna Pisachini Sukar Dant Sadhana :

इस साधना का त्वरित प्रभाव होता है । विशेष लाभ यह है कि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है । क्योंकि सिद्धि प्राप्त कर लेने के पश्चात साधक इतना शक्ति सम्पन्न हो जाता है कि कोई भी संकट उसे छू नहीं पाता । इस साधना का प्रारंभ सावन मास के शुक्रवार से करें । अपने सामने सरसो तेल का दीपक लगाएं, उसमें थोड़ा सा इत्र डाल दें । गुग्गल का धूप जलाएं । अब दक्षिण दिशा में लाल आसन बिछाकर उसके नीचे शूकर का दंत, एक साही का कांटा रख दे । अब उसी आसन पर लाल वस्त्र धारण कर बैठे तथा निम्नलिखित मंत्र का जाप अगले 21 दिनों तक 21 माला नित्य करें –

“ओम ह्नीं श्रीं क्लीं नृम ठं ठं नमो देवपुत्री स्वर्ग निवासिनी सर्व नर नारी मुख वार्ताली, वार्ता कथय सप्त समुद्रान दर्शय दर्शय ओम ह्नीं श्रीं क्लीं नृम ठं ठं फट स्वाहा ।”

उक्त कर्ण पिशाचिनी (Karna Pisachini) मंत्र के जाप के लिए लाल हकीक की माला अथवा रूद्राक्ष उपयोग करें । इस साधना में ध्यान रखने योग्य बात यह कि कि शूकर दंत उसकी स्वाभाविक मृत्यु के पश्चात प्राप्त किये गए हों ।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment