कुकर्मों के कारण ग्रहों का अशुभ प्रभाव

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प्रत्येक जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है, परंतु कुछ कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं । व्यक्ति के कर्म-कुकर्म (kukarmo) के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं, आइए जानते हैं :
चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है ।
बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआको कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है । इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है ।
गुरु : अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है ।
सूर्य : किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है ।
शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है ।
मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं । इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है ।
शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं किसी के साथ शराब, माँस खाने पीने जैसे कुकर्मों (kukarmo) करने से शनि देव अशुभ फल देते हैं । कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है ।
राहु : राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिलदुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने जैसा कुकर्मों (kukarmo) और ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है ।
केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक छीनने पर केतु अशुभ फल देना है । कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है । किसी को धोखा देना और झूठी गवाही जैसे कुकर्मों (kukarmo) करने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं ।
अत: मनुष्य को अपना जीवन व्यवस्थित जीना चाहिए । किसी को कष्ट या छल-कपट द्वारा अपनी रोजी नहीं चलानी चाहिए । किसी भी प्राणी को अपने अधीन नहीं समझना चाहिए जिससे ग्रहों के अशुभ कष्ट सहना पड़े ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार

Acharya Pradip Kumar is one of the best-known and renowned astrologers, known for his expertise in astrology and powerful tantra mantra remedies. His holistic approach and spiritual sadhana guide clients on journeys of self-discovery and empowerment, providing personalized support to find clarity and solutions to life's challenges.

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