Mahalakshmi Mantras : आज के समय इस समाज में धन को बहुत महत्व दिया गया है । इसलिए अध्यात्म की द्रष्टि से धन पाने के लिए आप महा लक्ष्मी जी उपासना द्वारा ही यह संभव कर पाते है । माँ लक्ष्मी जी की उपासना के बहुत से मार्ग है जिनमें से मंत्र द्वारा उनकी उपासना करना एक है । मंत्र द्वारा किसी भी देव या देवी बहुत ही शीघ्रता से प्रसन्न किया जा सकता है व उनसे इच्छित आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है ।
1. Mahalakshmi Mantras :
।। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ।।
माँ लक्ष्मी जी के इस महा मंत्र के नियमित जप से भारी से भारी ऋण से मुक्त हो सकते है । जीवन कभी धन से सम्बंधित भारी संकट आने पर इस मंत्र का जप आपके लिए कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है । प्रतिदिन सुबह घी का दीपक प्रज्वल्लित करके सामने बैठकर कमलगट्टे की माला द्वारा एक माला का जप किया जाना चाहिए । जब तक आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो जाती है तब तक आप इस कार्य को नियमित रूप से करते रहे ।
2. Mahalakshmi Mantra : –
।। ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ।।
3. Mahalakshmi Mantra :-
।। ॐ श्रीं महालक्ष्मै नमः ।।
4. Mahalakshmi Mantra :-
।। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मै नमः ।।
5. Mahalakshmi Mantras : –
।। ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मै नमः ।।
6. Lakshmi Narayan Mantra : –
।। ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाभ्याम् नमः ।।
7. Maa Lakshmi Gayatri Mantra : –
।। ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
परिवार में सुख शांति के लिए इस मंत्र का नियमित रूप से प्रयोग किया जाना चाहिए । प्रतिदिन कम से कम 27 मंत्र का जप अवश्य करें । यदि सम्भव हो सके तो एक माला का जप करना चाहिए ।
8. Mahalakshmi Mantras : –
।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ।।
9. Mahalakshmi Mantras :-
।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।।
10. Mahalakshmi Mantras : –
।। ॐ श्रीं श्रीय नमः ।।
11. Mahalakshmi Mantras :-
।। ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा लक्ष्मी नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-कुरु सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा: ।।
महा लक्ष्मी जी के उपरोक्त सभी मंत्र स्वयं में असीमित शक्तियां रखते है व आपको धनवान बनाने में और कर्ज से मुक्ति दिलाने में व आपके घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने में चमत्कारी सिद्ध हो सकते है ।
Mahalakshmi Mantras Jaap Vidhi :
उपरोक्त सभी महालक्ष्मी मंत्र (mahalakshmi mantras) के लिए मंत्र जप विधि एक जैसी ही रहेगी । सुबह-सुबह पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाए सामने के चौकी की स्थापना करके उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर माँ लक्ष्मी जी की फोटो की स्थापना करें । घी का दीपक जलाये । अब माँ लक्ष्मी जी से अपनी अरदास लगाते हुए कमलगट्टे की माला से मंत्र का जप शुरू करें । मंत्र जप शुरू करने से पहले गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण अवश्य करें । मंत्र जप की संख्या आप अपने सामर्थ्य के अनुसार निर्धारित कर सकते है । इसलिए जिनता आप प्रतिदिन मंत्र जप कर सके, मंत्र जप की संख्या उतनी ही रखे ।
Mahalakshmi Mantras Siddh Karne Ki Vidhi :
पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी की स्थापना करके माँ लक्ष्मी जी की फोटो रखे । श्री यन्त्र भी साथ में रखे । फोटो के सामने घी का दीपक लगाये । फोटो की दाई तरफ एक मिटटी के क्लश में पानी भरकर रखे । मिटटी के कलश के ऊपर एक पानी वाला नारियल रखे । नारियल के ऊपर एक लाल कपड़ा लपेट दे । एक अन्य पात्र में जल भरकर रख ले । अब आप माँ लक्ष्मी जी की फोटो के सामने आसन बिछाकर बैठ जाए । दाए हाथ में थोडा जल लेकर इसे बाए हाथ से ढक ले और संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं ( अपना नाम बोले ) गोत्र ( अपना गोत्र बोले ) आपकी कृपा से माँ लक्ष्मी जी का यह मंत्र सिद्ध कर रहा हूँ इस कार्य में मुझे पूर्णता प्रदान करें । ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले : ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु ।
इस प्रकार से संकल्प लेने के उपरांत गौमुखी में कमलगट्टे की माला द्वारा 1 माला से लेकर 3 – 5 या 7 अपने सामर्थ्य का अनुसार आप मन ही मन मंत्र जप करें और माँ लक्ष्मी जी का स्मरण करते जाए । मंत्र जप संख्या पूर्ण होने के बाद पुनः दायें हाथ में थोडा जल लेकर फिर से इस प्रकार बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैंने ये जो माँ लक्ष्मी जी के मंत्र जप किये है इन्हें मैं अपने कार्य की पूर्णता हेतु श्री ब्रह्म को अर्पित करता हूँ, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु । इस प्रकार प्रथम दिन का आपका कार्य पूर्ण हो जाता है । पूरे 41 दिनों तक ठीक इसी प्रकार से मंत्र जप करें । 41 दिन पूर्ण होने के बाद आपने जितने मंत्र जप इन दिनों में किये है उनके दशांश भाग से हवन का आयोजन करके उसमें आहुतियाँ दे । अब आपका कार्य पूर्ण हो चुका है । माँ लक्ष्मी जी का कोई भी मंत्र इस विधि द्वारा सिद्ध किया जा सकता है ।
ध्यान देने योग्य : मंत्र जप का समय प्रतिदिन एक जैसा ही रखे । यदि संभव हो सके तो मंत्र जप शुरू करने का समय सुबह 7 बजे से पहले पहले का रखे । मंत्र सिद्धि के काल में एक भी दिन मंत्र जप छूटना नहीं चाहिए । साधना काल के दौरान काम और भोग से दूर रहे । मंत्र जप की संख्या समान रखे । किसी दिन कम व किसी दिन ज्यादा मंत्र जप – ऐसा कदापि न करें । महा लक्ष्मी मंत्र (mahalakshmi mantras) द्वारा उपासना अतिशीघ्र फल प्रदान करने वाली है । माँ लक्ष्मी जी के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास बनाये रखते हुए मंत्र जप करने चाहिए ।
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जय माँ कामाख्या