Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra :
श्री बगलामुखी मंत्र: “ॐ हलीं बगला मुखि ! जगद् बशंकरि !
मां पीताम्बरे, प्रसीद प्रसीद, मम् सर्ब मनोरथान् पूरय पूरय हलीं ॐ।।”
Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra Vidhi :
श्री बगलामुखी के उपरोकत मंत्र (Manokamana Dayak Shri Baglamukhi Mantra) का दस सहस्त्र जप करने से सिद्धि मिलती है । साधक इस मंत्र की सिद्धि हेतु हल्दी, हरिताल, मालकांगनी (ज्योतिष्मती) को कूट कर कडबा तेल मिला लें तथा नीम या बेर की लकडी अन्यथा खैर की लकडी की समिधा द्वारा नित्य अष्टोतर शत हबन करें तो साधक को अभीष्ट सिद्धि प्राप्त होती है ।
नोट : हबन करते समय उक्त श्री बगलामुखी मंत्र के अन्त में “ स्वाहा ” शव्द जोड कर अग्नि में आहुतियां छोडें तथा पूर्णाहुति देकर निम्न स्तुति का पाठ करें ।
।।स्तुति।।
नमो देबि बगले ! चिदानन्द रूपे ! नमस्ते रिपु ध्बंस कारी त्रिमूर्ते ।
नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।१।।
सदापीत बस्त्राढय पीत स्वरुपे ! रिपु मारणार्थे गदा युक्त रूपे !
सदेषत् स-हासे सदानन्द मूर्ते ! नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।२।।
त्बमेबासि मातेशरी त्वं सखे त्वं। त्वभेबासि सर्बेश्वरी तारिणी त्यं।
त्बमेबासि शक्तिर्बलं साधकानाम्। नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।।३।।
रणे तस्करे घोर दाबाग्नि युष्टे। बिपत् सागरे दुष्ट रोगाग्नि प्लुष्टे ।
त्वमेका मतिर्यस्य भक्तेषु चिता: । स-षट् कर्मणानां भबेत्याशु दक्ष: ।।४।।
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