प्रत्यक्ष भूत सिद्धि साधना

Pratyaksh Bhut Siddhi Sadhana

भूत बहोत ज्यादा विश्वसनीय होते है,इनपे विश्वास रखने से कोई हानी नहीं होती,ना भूत हानिकारक होते है ना भयप्रद सिर्फ आवश्यकता है सही मार्गदर्शन का,जो आपको हर समय मिलता रहे॰साधक भूत सिद्धि के उपरांत निच्छितं हो जाते है,उनमे किसी प्रकार का भय और चिंता नहीं होती,साधक का हर प्रकार से रक्षा होता रहेता है,हर क्षण भूत साधक का आज्ञा पालन करता है,भूत सिद्धि का दो प्रकार है 1) दृश्य और 2) अदृश्य
यह साधना किसी एक भूत का नहीं बल्कि ६ भूतो का है,एक ही समय मे इस साधना मे ६ भूत सिद्ध होता है,भूत बलशाली होने के कारण साधक का प्रत्येक कार्य कम समय मे सम्पन्न करते है,इस साधना मे जब भी आपको भूतो से कार्य करवाना हो तो वह उनके नाम का स्मरण करने से आंखो के सामने प्रकट होते है और कार्य को सिद्ध करने के लिये सहाय्यता करते है॰

Pratyaksh Bhut Siddhi Sadhana ki Aavashyak Baatein :

जब आप अपने शहर का समाचार पत्र (न्यूज़-पेपर) पढ़ोगे तो उसमे एक बात का खयाल रखिये जैसे कुछ दिन पहिले कितने व्यक्ति का आकस्मिक मृत्यु हुआ है,उनमेसे ६ व्यक्ति यो के नाम लिखकर अपने पास सुरक्षित रखिये क्यूके हमे उन ६ व्यक्तियोको प्रत्यक्ष करना है,नाम हमे पता होगा तो उनको सिद्धि करने के बाद प्रत्यक्ष करने मे सहाय्यता मिलेगा नहीं तो आप नाम के चक्कर मे दुविधा मे पड जायेगे,एक भूत का बात होता तो नाम का कोई आवश्यकता नहीं था परंतु यहा बात है ६ भूतो का .
यह एक साबर साधना है जो निष्फल नहीं होती,साधना कोई भी कर सकता है आवश्यकता है तो सिर्फ धैर्य का बाकी बाते साधना मे कोई मायने नहीं रखती .

Pratyaksh Bhut Siddhi Sadhana Vidhi

६ बिना दाग के नींबू लीजिये और किसी भी अमावस्या से पहिले आनेवाले शुक्रवार के दिन निम्बू को ६ गड्डे खोदकर गाड दे,सभी गड्डे पास-पास ही खोदने है,यह क्रिया सूर्य-अस्त होने के बाद करना है,प्रत्येक नींबू जिनका आकस्मिक मृत्यु हुआ है और आपने उनके नाम लिखकर रखे थे उनका ही नाम ७ बार पढ़कर गाड़ने है,जब ६ नींबू गड जायेगे तब एक गोल बनाना है लोहे के खील्ले से,गोलाकार बड़ा होना चाहिए जिसमे सभी गड्डे आजाये,गोलाकार बनाते समय मंत्र को २१ या १०८ बार बोलना है “हूं हूंबंधय बंधय हूं हूं फट”,यह सारा क्रिया स्मशान मे करना है॰फिर घर पे आकर स्नान करले और शांत भाव से साधना हेतु मन को पक्का कीजिये “मै किसि भी हालात मे साधना को पूर्ण करुगा और किसि भी प्रकार से मन मे डर को जगह नहीं दुगा.”
 
क्रिया होने के बाद काली हकीक माला जो प्राण-प्रतिष्ठित हो उससे ही रात्रि मे १० बजे से मंत्र जाप का शुरुवात करना है,साधना से पूर्व ही गुरुमंत्र जाप एवं गुरुजी से आज्ञा मांग लीजिये और कोई भी रक्षा कवच का कम से कम एक बार पाठ करना आवश्यक है.
मंत्र :-“ओम अपर केपर प्रहलालपाता बांधे पिंड प्राण को वेधे भुत हाजीर होय कार्य करे ना करे को ***शब्द साचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाच्या छु .”
यहाँ कुछ शब्द गोपनीय रखे है , दुरुपयोग न हो इसलिये मन्त्र संपूर्ण नही दिया गया। यह साधना (Pratyaksh Bhut Siddhi Sadhana) जानकारी हेतु है। सिद्धि का गलत उपयोग न करे। किसी लालच के वशीभूत होकर साधक यह साधना (Pratyaksh Bhut Siddhi Sadhana) न करे। योग्य गुरु के निर्देशन में ही करे।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार: मो. 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

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