समस्याए है तो समाधान भी है

हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ समस्याए आती ही रहती है और हम सब उनसे परेशान ही रहते है ऐसा क्यों है ? क्योंकि जब हमारे व्यक्तिगत उद्देश्य की पूर्ति में अड़चन आती है तो परेशान होना स्वाभाविक ही है ? परन्तु हमारे ऋषियों ने कुछ ऐसी विद्याओ को हमें दिया है जिसका उपयोग करके हम अपनी परेशानियो को कमतर कर सकते है और अपने सांसारिक, भौतिक एवं परलौकिक उद्देश्यों की पूर्ति सुगमता पूर्वक कर सकते है । आज इस लेख में “Samasya hai to Samadhan bhi hai” उसके ऊपर डिटेल्स में चर्चा करेंगे …
क्या आप उन विद्यायो को जानते है ? क्या आप उनका प्रयोग करना जानते है ? क्या आप उनका प्रयोग इस प्रकार करना चाहेंगे जिससे की बिना किसी का अहित किए आपका अपना उद्देश्य आसानी से पुरा हो सके ?
उनको मन्त्र विद्या ,तंत्र विद्या ,यन्त्र विद्या ,ज्योतिष, वास्तु आदि कहते है :….
आम जन धारणा है की मंत्र -तंत्र -यन्त्र का प्रयोग करने से दूसरो का अहित ही होता है और इनका प्रयोग करने वाले लोग तांत्रिक होते है जो की अच्छे व्यक्ति नही होते और ये दूसरो का अहित ही करते है इनसे बचकर रहना चाहिए । जन -साधारण में इस प्रकार की धारणा को बढाने में भारतीय मिडिया का बहुत बड़ा योगदान है । जबकि यह धारणा सत्य के एकदम विपरीत है ।
Samasya Hai To Samadhan Bhi Hai Lekh Mein Tantra Sadhna Ka Bhumika :
जब साधक गुरु से मंत्र ग्रहण कर ,यन्त्र पर देव पूजन करते हुए वैखरी वाणी से जप करना प्रारम्भ करता है तो मंत्र साधना का प्रारम्भ होता है और धीरे-धीरे धैर्य पूर्वक नित्य साधना करते हुए साधक का जप मध्यमा वाणी में स्वतः गुरु कृपा से परिवर्तित हो जाता है तदुपरांत यथा समय पर जप पश्यन्ति में परिवर्तित होकर अंत में परा वाणी में विलीन होकर साधक को परम तत्त्व , परम प्रभु , परम ब्रहम , परम ज्ञान की उपलब्धि करा देता है ।
इस अवस्था में साधक उन्मनी दशा को प्राप्त हो जाता है और उसकी इच्छाए या तो पूर्ण हो जाती या हट जाती है वह राग-द्वेष से मुक्त सम अवस्था में रहने लगता है और उसके अन्तर में एक करुणा की धारा बह निकलती है जिससे वह सदेव संतुष्ट अवस्था में रहता है।
इस प्रकार आप समझ सकते है की मंत्र लोकिक ही नही परलौकिक उद्देश्यों की प्राप्ति कराने में भी सक्षम है ।
अस्तु “Samasya Hai to Samadhan Bhi Hai” इस लेख में कहने का भावः यह है की मंत्र -यन्त्र भारतीय मनीषियों की वह देन है जो की अर्थ ,धर्म ,काम , और मोक्ष की प्राप्ति कराने में आज भी उतना ही सक्षम है जितना की हजारो साल पहले था ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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