शाकिनी मन्त्र साधना

ये प्रेत आत्मा का ही एक रूप है। इसको आकाश में उड़ना पसंद है। अतः इसका जमीन पर कोई निश्चिंत स्थान नही है।
साधना (Shaakini Mantra Sadhana) क लिए कोई सुनसान जगह तलाश कर सकते हैं जहां किसी का आवागमन न हो।ये आकाश से धरती पर साधक की साधना से अट्रैक्टिव् होकर उसके वश में हो जाती है। ये साधक की आज्ञा का पालन करती है।
सभी कार्यो को कर देती है।

Shaakini Mantra Sadhana Samagri :

1 चिता की राख
2 उड़द काले
3 तिल काले
4 चमेली के फूल
5 इत्र
6 लाल कपडा
7मदिरा
8मांस
9 मिष्ठान
10 चावल
11 कपाल
12 सिंदूर
13 बकरे की चर्वी
14 घोड़े क दांतो की माला
15 बबूल की लकड़ियाँ
16 कीकर क कांटे
17 गुड़
मन्त्र : [ ओउम् शांकिनी किनी हुम् फट् स्वाहा।]
विधि- साधना ठीक रात को 12 बजे से सुरु करे।2100 मंत्रो का जाप करे ।उसके बाद 1100 मंत्रो से हवन करे।सुरक्षा रेखा और ब्रह्मचक्र धारण करे। हवन में मन्त्र की समाप्ति पर उड़द तिल फूल गुड़ कीकर कांटा चावल की आहुति दे।अंतिम दिन 2100 मंत्रो से हवन करे।सिंदूर का तिलक लगाये और इतर लगाकर दाँये हाथ में कपाल और बांये हाथ से आहुति दे।अंतिम आहुति मे मांश मदिरा और मिठाई हवन में डाले और शेष जमी पर दाल कर घर आ जाए। 41 दिन में शांकिनी सिद्ध हो जायेगी।
चेतावनी – यह मंत्र साधनाएँ आसान प्रतीत होती हैं किंतु इनके संपन्न करने पर मामूली सी गलती भी साधक के लिए घातक हो सकती है । साधक इन्हें किसी विशेषज्ञ गुरु के साथ ही संपन्न करें ।
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