लक्ष्मी मंत्र ब धन प्राप्ति प्रयोग

Lakshmi Mantra & Dhan Prapti Prayog :

धन प्राप्ति प्रयोग (Dhan Prapti Prayog) मंत्र की जरिये आज हम ऐसे शक्तिशाली मंत्र की बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे , जिस मन्त्रको हम प्रयोग करके या अपने जीबन में उतार कर धनबान और एक सफल ब्यक्ति भाब से समाज में मान सन्मान प्रतिष्ठा प्राप्त कर सके .. तो देर किस बात की आगे बढ़ कर धन प्राप्ति प्रयोग (Dhan Prapti Prayog) मंत्र की बारे में जानते हैं ।

(१) “आबो लक्ष्मी बैठो पास, आंगन रोरी तिलक चढाऊ, गले में हार पहनाऊं, बचनों की बांधी, आबो हमारे पास । पहला बचन श्रीराम का, दूजा बचन ब्रह्मा का, तीजा बचन महादेब का, बचन चुके तो नरक पड़े, सकल पञ्च में पाठ करूँ, बरदान नहीं देबे तो महादेब की शक्ति की आन ।”

(दीपावली की रात्रि को धन प्राप्ति प्रयोग (Dhan Prapti Prayog) मंत्र का १० माला करें, लक्ष्मी का पूजन करे तो बर्षभर आनंद रहे ।)

(२) ॐ श्री शुक्ले महाशुक्ले कमलदल निबासे श्रीमहालक्षम्यै नमो नम: । लक्ष्मीमाई सबकी सबाई, आओ चेतो करो भलाई, ना करो तो सात समुद्रो की दुहाई, ऋद्धि सिद्धि ना देबो तो नौ नाथ चौरासी सिद्धो की दुहाई ।

(कार्य ब्यापार में दूकान में धन प्राप्ति प्रयोग मंत्र (Dhan Prapti Prayog) का एक माला नित्य करे तो शुभ रहे ।)

(३) विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिबप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगबती, आदि शक्ति युगलमूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा ब्यय घटा, दया कर माई, ॐ नम: विष्णुप्रियाय, ॐ नम: शिब प्रियाय, ॐ नम: कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा ।

( बिशेष लाभ हेतु धन प्राप्ति प्रयोग (Dhan Prapti Prayog) मंत्र का सबा लाख जप करे )

(४) ॐ क्रीं श्रीं चामुण्डा सिंहबाहिनी बीस हस्ती भगबती रत्नमंडित सोनल की माल, उत्तर पथ में आप बैठी, हाथ सिद्ध बाचा, ऋद्धि सिद्धि धन धान्य देहि देहि कुरु कुरु स्वाहा । (सबा लाख जपने से बिशेष लाभ होबे)

(५) बाल्मीकि रामायण के उत्तर काण्ड के प्रत्येक श्लोक की आहुति देबे । तथा सर्ग समाप्ति पर निम्न मंत्र पढ़े …
ॐ रामभद्र महेष्बास रघुबीर नृपोतम् ।
भो दशास्यान्तकास्माकं रक्षां देहि श्रियं च ते ।।

पश्चात्- ॐ श्रीं श्रियै नम: मह्वां श्रीयं देहि देहि दापय दापय स्वाहा ।

इस अनुष्ठान में ८ दिनों तक प्रतिदिन ७ सर्ग ब नबें दिन १२ सर्ग का पाठ करके समापन करंट ।

(६) ॐ ऐ ह्रीं श्रीं श्रियै नमो भगबती म्म सम्रुद्धौ उज्वल उज्वल मां सर्बसम्पदं देहि देहि मम अलक्ष्मी नाशय नाशय हूँ फट् स्वाहा ।

यह मंत्र में मम अलक्ष्मी नाशय नाशय को ध्यान पूर्बक पढ़े उच्चारण शुद्ध करे । ममा लक्ष्मी अलग अलग नहीं एक साथ पढ़ें । दीपावली ब ग्रहण के दिन सिद्ध करके नित्य एक माला करे ।

(७) ॐ नमो भगबती पद्म पद्माबती ॐ ह्रीं ॐ ॐ पूर्बाय दक्षिणाय उत्तराय पश्चिमाय सर्बजन बश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।

इस मंत्र को दीपावली की रात को सिद्ध कर प्रात: काल बिस्तर छोड़ने से पूर्ब १०८ बार मंत्र जाप कर चारो दिशाओं के कोणों में २१ – २१ बार फूँकने से सभी दिशाओं से लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं ।

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