श्री दुर्गा सप्तशती उच्चाटन मंत्र

Shri Durga Saptshati Ucchatan Mantra :

दुर्गा उच्चाटन मंत्र :

“ह्रीं हतशेषं तत: सैन्यं दृष्ट्बा चंण्ड निपातितम् ।
मुण्ड च सुमहाबीर्य दिशो भेजे भयातुरम् ह्रीं ।।”

1. उपर्युक्त दुर्गा उच्चाटन मंत्र (Shri Durga Saptshati Ucchatan Mantra) का जप, गोधूलि बेला, रुद्राक्ष की माला से ग्यारह माला की संख्या में करके एक माला दुर्गा उच्चाटन मंत्र का हबन काली राई से चौकोर कुण्ड में करें । समिधा कोई भी जो उपलब्ध हो प्रयोग करें । इसी बिधि के अनुसार इक्कीस (२१) दिनों तक यह प्रयोग (Shri Durga Saptshati Ucchatan Mantra) (अनुष्ठान) करें । इससे अभीष्ट ब्यक्ति का किसी भी अन्य ब्यक्ति, स्थान अथबा बस्तु से उच्चाटन हो जायेगा ।

तुरीय संध्या काल में इस प्रयोग (Shri Durga Saptshati Ucchatan Mantra) को करने से शीघ्र लाभ होता है । जिस ब्यक्ति (शत्रु) का उच्चाटन करना अभीष्ट हो, जप के समय उसका ध्यान करते रहना चाहिए । यदि सम्भब हो तो उसका चित्र सम्मुख रखकर जप करें ।

2. यदि घर में दुष्ट शक्तियाँ (अदृश्य दुरात्माएं) पीड़ित कर रही हों तो प्रात: तथा सायं गाय के गोबर के कंडे (उपले) जलाकर उस पर लोबान डालकर, उपर्युक्त दुर्गा उच्चाटन मंत्र बोलते हुए, सारे घर को उसके धुएँ से धूपित करें । दुर्गा उच्चाटन मंत्र का एक सौ आठ बार मन ही मन उचारण करना चाहिए । इससे उन दुष्प्रकृति बाली शक्तियों (आत्माओं) का उस घर से उच्चाटन हो जाता है और बे उसे त्याग कर अन्यत्र चली जाती हैं ।

बिशेष – किसी भी कर्म को करने से पूर्ब यदि कर्ता, कर्म का नाम तथा जिसके लिए कर्म (आकर्षण – बशीकरण) किया जा रहा है उसके नामोल्लेख सहित संकल्प करके प्रयोग करे तो अति उत्तम होगा । संकल्प मानसिक भाब है, इसलिए यदि कर्ता संस्कृत भाषा में संकल्प करने में असमर्थ है तो अपनी मातृभाषा में भी सामान्य रूप से दिन, तिथि, मासादि का यथोचित उल्लेख करते हुए संकल्प कर सकता है ।

एक बात और, यदि किसी प्रयोग में उससे सम्बन्धित देबता का नामोल्लेख सहित उसका “ध्यान मंत्र” (श्लोक) उपलब्ध हो, तो ध्यान करके मानस पंचोपचार पूजन अबश्य करें । देबता का चित्र अथबा बिग्रह (मूर्ति) उपलब्ध होने पर प्रत्यक्ष पंचोपचार पूजन करके ध्यान करें फिर जपादि करें ।

चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना (Shri Durga Saptshati Ucchatan Mantra) के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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