श्वेतार्क के तांन्त्रिक प्रयोग

समय – ब्रह्मामुहूर्त , तिथि : रबि- पुष्या योग
 
1. नौ घंटे तक श्वेतार्क (shwetark) के दुध को घी में खरल करके (1:4) , उस घी को पौरष इंन्द्रिय पर लगाने से सात दिन में नसबिकार और दौर्बल्य नष्ट हो जाता है ।
 
2. पुराने श्वेतार्क (shwetark) की जड-मूल के अंन्तिम सिरे की गांठ को गणेश मंत्र से सिद्ध करके तिजोरी में रखने पर धन कभि नहिं घटता ।
 
3. इसके पके 108 पतों को प्राप्त करके सबा सेर गाय के घी में गणेश मंत्र पढते हुए एक-एक पता जलाते जायें। इसके बाद छानकर 10 ग्राम प्रतिदिन एक पाब बकरी के दुध के साथ पीयें, तो धातु से उत्पन्न नपुंसक्ता दूर हो जाती है ।
 
4. इसकी जड को गोरोचन, बच और सिन्दुर के साथ मिलाकर 108 मन्त्रों से सिद्ध करके तिलक करने से त्रिभुबन बशिक्रुत होता है ।
 
5. क्रुति नख्यत्र में मारण मंत्र से सिद्ध करके तालाब में गाडने पर मछलियां मर जाती है । (शिकार) ।
 
6. क्रूतिका नख्यत्र में 16 अंगुल की जड प्राप्त करके मदिरालय में कीलने पर बहाँ की मदिरा का नशा नहीं होता ।
 
7. रबिपुष्य नख्यत्र में लायी shwetark जड द्वार पर लगाने से टोने-टोटके का प्रभाब नहीं होता ।
 
8. रबिपुष्य नख्यत्र में प्राप्त जड को 21000 गणपति मंत्र से सिद्ध करके किसी स्त्री की कमर के मूलाधार को 108 बार मंत्र सिद्ध करके बांधा जाये, तो बह निश्चय की पुत्रबती होती है ।
 
9. उक्र नख्यत्र की जड को 108 बार गणपति मंत्र से अभिमंत्रित करके कमर पर बांधने से स्खलन शीघ्र नहीं होता ।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 7655043335 / 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

For any type of astrological consultation with Acharya Pradip Kumar, please contact +91-9438741641. Whether it is about personalized horoscope readings, career guidance, relationship issues, health concerns, or any other astrological queries, expert help is just a call away.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment