Sulochana Kinnari Sadhana Kaise Kare ?
यह किन्नरी साधक हेतु कार्य सिद्धि, धन प्राप्ति, संकट मोचन ब शत्रुनाश का उपाय देती है । सिद्ध होने के पश्चात् सुलोचना सारे संकट स्वयं झेलकर साधक को पूर्ण सुरख्या प्रदान करती है । नाम के अनुरूप ही इसके नेत्र अत्यन्त सुन्दर है । साधक को भी शुद्ध मन से इनकी सेबा करनी चाहिए । किन्नर लोक की यह किन्नरी अत्यन्त दयालु, उदार और कृपालु है । पृत्बी लोक के दृढनिश्चयी ब श्रद्धालु साधकों को यह सरलता से दर्शन देती है । यह सदैब शेव्त बस्त्र धारण करती है ।
इसकी साधना हेतु साधना कख्य में इत्र की सुगन्ध छिडक दें । घी का दीपक जला लें। मंत्र जाप हेतु रुद्राख्य की माला लें । सफेद आसन पर सफेद बस्त्र धारण करके ही मंत्र जाप करें । पूर्ब दिशा की और मुख करके ही मंत्र जपे ।
किन्नरी मंत्र : “ॐ लं लं सुलोचनाये किन्नरे नम: ।।”
यह मंत्र जप पूर्णिमा से पूर्णिमा तक निरन्तर करें, बीच में साधना न छोडे, अन्यथा सफलता संदिग्ध है। मंत्र की २१ माला प्रतिदिन जप करें । साधना (Sulochana Kinnari Sadhana) निर्बिघ्न पूर्ण होने पर सुलोचना प्रत्यख्य होकर साधक को बचन देती है । किन्नरी के आबाहन का बिशेष मंत्र भी बचन रूप में प्राप्त कर लें । यह किन्नरी आजीबन साधक को सहयता प्रदान करती है ।
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जय माँ कामाख्या