व्यवसाय में तंत्रोक्त सामग्री का उपयोग कैसे करें ?

1. अगर किसी का व्यापार न चल रहा हो या व्यापार को कोई नजर लग गई हो या व्यापार में कोई परेशानी बार बार आ रही हो तो अपने व्यापार कि चोखट पर ११ गोमती चक्र एवं ३ लघु नारियल सिद्ध करके शुभ महुर्त में किसी लाल कपड़े में बांध कर टांग दें व् उस पर लाल कामिया सिंदूर का तिलक कर दें ध्यान रखे ग्राहक उस के निचे से निकले बस कुछ ही दिनों में आप का व्यापार तरकी पर होगा ।
2. व्यवसाय स्थान पर पीतल के लोटे में जल रखा जाये और साथ गोमती चक्र उसके अन्दर डालकर खुला रखा जाये तथा जिस स्थान पर व्यापारी की बैठक है उसके दक्षिण-पश्चिम दिशा में इसे ऊपर की तरफ़ स्थापित करने के बाद रखा जाये सुबह को उस लोटे से सभी गोमती चक्र को निकाल कर उस पानी को व्यसाय स्थान के बाहर छिडक दिया जाये और नया पानी भरकर फ़िर से गोमती चक्र डालकर रख दिया जाये तो व्यवसाय में कुछ दिन के अन्दर ही फ़र्क मिलना शुरु हो जाता है ।
3. व्यापर स्थान पर ग्यारह सिद्ध गोमती चक्र और एक ९ मुखी रुद्राक्ष लाल कपड़े में बांध कर धन रखने वाले स्थान पर रख दे तो व्यापर में बढ़ोतरी होती जाएगी ।

Tantrokt Hatha Jodi

प्राण प्रतिष्ठित की हुई हत्था जोड़ी लेकर मंगलवार के दिन लाल सिंदूर में डालकर पूजा स्थल पर रख दें. और प्रतिदिन संध्या में घी का दीपक जलाकर इस मंत्र का जाप करें. व्यापारी अपने तिजोरी में रखें ।
तंत्रोक्त मंत्र – ह्रीं ऐश्वर्य श्रीं धन धान्याधिपत्यै ऐं पूर्णत्य लक्ष्मी सिद्धये नमः।

Tantrokt Siyar Singhi

सिद्ध सियार सिंगी के जोड़े को व्यापर स्थल में स्थापित करने से समुचित धन लाभ होता है किन्तु ये व्यक्ति की गृह दशा से भी प्रभावित होती है और ऐसे में कभी कभी लाभ नहीं देती।
यदि ऐसा हो तो सियार सिंगी को शमी और नागदोन की जड़ के साथ व्यापर स्थल में स्थापित करें । नित्य धूप दें। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा ।

Tantrokt Indrajaal

इंद्रजाल को दुकान व्यापार स्थल के दक्षिण दिशा में लगाने से व्यापार में उन्नति होती है और दुश्मनों प्रतिद्वंदियों द्वारा किये कराये के असर से बचाव होता है ।

Tantrokt Moti Sankh

किसी शुभ नक्षत्र या दीपावली में मोती शंख को घर में स्थापित कर रोज “ श्री महालक्ष्मै नम: ”
108 बार बोलकर 1-1 चावल का दाना शंख में भरते रहें । इस प्रकार 11 दिन तक करें। बाद में शंख और चावल एक लाल कपड़े की पोटली बनाकर तिजोरी या रूपये गहने आदि रखने के स्थान पर रख दें । यह तंत्रोक्त प्रयोग करने से आर्थिक तंगी समाप्त हो जाती है ।

Tantrokt Sahadebi

धन-धान्य-व्यापार वृद्धि के लिए :-
A. विधिवत सिद्ध की हुई जड़ को लाल वस्त्र में लपेट कर तिजोरी मे रखने से अभीष्ट धन-वृद्धि होती है l
B . दुकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान के प्रवेश द्वार के ऊपर लाल वस्त्र में लघु नारियल के साथ अभिमंत्रित कर भीतर की और लटकने से व्यापार में उन्नति होती है।

Tantrokt Kali Haladi

1 किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, जिससे धन न रुकता हो या कम धंधा बार बार ठप हो जाता हो तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे ।
2 . यदि किसी के पास धन आता तो बहुत है किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा ।
3 . यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार “ ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः” का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है ।
4 . यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मॅहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें । यह तंत्रोक्त उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी ।

Tantrokt Dakshinavarti Sankh

विधिवत सिद्ध दक्षिणावर्ती शंख को व्यापारिक संसथान में स्थापित करने से ग्राहकों की कभी कमी नहीं होती और व्यापार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है। इसमें रात्रि में गंगाजल मिश्रित दूध भर कर सुबह व्यापारिक प्रतिष्ठान में बाहर से भीतर की ओर छिड़कते हुए जाने से धंधे को किसी भी पडोसी या प्रतिद्वंदी की नज़र नहीं लगती, किसी भी प्रकार का तंत्र मंत्र द्वारा किया गया व्यापार बंध निष्फल हो जाता है ।

Tantrokt Kush ka Banda

किसी शुभ नक्षत्र या विशेषतः भरणी नक्षत्र में इसे प्राप्त कर विधि विधान श्री सुक्त या लक्ष्मी मंत्र से पूजन कर घर की या दुकान की तिजोरी में रखने से दुकान के द्वार के भीतरी ओर लटकाने से धन में वृद्धि होती है ग्राहकों का आवक बनी रहती है और धन चक्र उत्तम गति से चलता है ।
जिनके पास धन न रूकता हो या कमाया हुआ पैसा उल्टे सीधे कामोँ मेँ जाता हो उन्हेँ अपने घर मेँ श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए। जो लोग कर्ज मेँ डूबे हैँ उनके लिए कर्ज मुक्ति का इससे सरल अन्य कोई तंत्रोक्त उपाय नही है ।
दुकान में अलमारी या गल्ले में रखने से धनागम सुचारू रूप से चलता रहता है और व्यापर में न तो मंदी आती है न किसी विरोधी की बुरी नज़र या किये कराये का असर होता है ।

Tantrokt Jal Kumbhi

यदि व्यापर मंदा हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को जल कुम्भी (तालाबों में उगने वाली बेल) करीब डेढ़ फुट लम्बी लाकर स्वछ जल से धोकर एक चौकी पर पिला वस्त्र बिछकर स्थापित करे । लक्ष्मी स्वरुप मानकर उसका विधिवत पूजन करे चन्दन रोली अर्पित करें अक्षत चढ़ाएं लौंग इलायची चढ़ाएं और सवा पाव चावल , ३ हल्दी की गांठ और 7 कमल गट्टे के बीज की ढेरी के साथ लपेट कर उसे उत्तर दिशा में लटका दें । नित्य धुप दें परन्तु बार बार खोलकर न देखे । कुछ ही दिनों में आर्थिक स्थिरता आने लगेगी।

Tantrokt Navgrah Samidha

नवग्रह की स्समिधा लाकर उनका पूजन कर प्रतेक गृह के बीज मन्त्रों का २१ बार जप करें और उन्हें एक सफ़ेद वस्त्र में लपेट कर अपनी दुकान के मंदिर में स्थापित करें । इससे यदि ग्रहों के दुष्प्रभाव से व्यापर में मंडी आ रही होगी तो लाभ मिलेगा ।

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जय माँ कामाख्या

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