Keralaiya Uchchatan Mantra Shakti :
उच्चाटन मंत्र : “कालि कालि महाकालि महाकालि,
ग्लौ कालरात्रि कान्हेश्वरी एहि,
एहि- अमुक उच्चाटन देश ललु तोर,
दाहि इरदाल देबि आणे पुलोर्लु तोर तादि,
इदालु उमा महेश्वर राणे बिष्णु तीर,
तामलु इरदाल बीरभद्र ओं कालि,
कालि महाकालि महाकालि,
ओं गुरू प्रसादम्।।”
Uchchatan Mantra Vidhi :
मंत्र बिधि : यह मंत्र ऋषि नित्यनाथ का है । मूलत: यह मंत्र द्राबिड भाषा में है, इसे किसी काली या चण्डी के मंन्दिर में जाकर या निर्जन स्थान (प्रदेश) में ही षोडषोपचार से पूजन करना चाहिए ।
सात रात को ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है, दशांश हबन तथा एक हजार आहुतियां देने से कार्य सम्पन्न हो जाता है, हबन में राई और नमक की आहुति देनी चाहिये, इसे प्रतिदिन तीन हजार जपने से पूर्ण सफलता मिलती है ।
मंत्र सिद्धि हो जाने पर कोयल पक्षी की बीट को एक हजार बार अभिमंत्रित करके जिसके घर में डाली जायेगी उसका १५ दिन में उच्चाटन हो जायेगा । यह मंत्र कौआ और उल्लू के पंखो को १०८ बार मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके जिस ब्यक्ति के घर में डाल दिया जायेगा और ब्राह्मण, चाण्डाल के इसके साथ ही पैरों की मिट्टी अभिमंत्रित करके रबिबार के दिन जिसके घर में डालें उसका उच्चाटन होगा ।
इस प्रयोग (Uchchatan Mantra Prayog) से आदमी के आमदनी के स्तोत्र बन्द होने लगते हैं उसे किसी तरह चैन नहीं मिलता । दिल काम में नहीं लगता, बह ब्यक्ति टिक कर नहीं बैठता उसे सदा उचाट ही लगा रहता है ।
नोट : यह एक क्रूर प्रयोग है ।आप इसे गुरू की सानिध्य में रहकर ही करना सही रहेगा ।
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जय माँ कामाख्या