विद्वेषण मंत्र प्रयोग

Vidveshan Mantra Prayog :

विद्वेषण मंत्र : “काली काली काली कंकाली,
मार ताली देबे लाली,
अमुक को अमुक से विद्वेषण,
करबे कारज करे सिद्ध करबाबे,
हाथों हाथ लढाबे चढाबे,
ओं ठं ठं फट्।।”

Vidveshan Mantra Prayog Vidhi :

विद्वेषण का अर्थ है किसी से लडाई करबाना । यदि घर की लडकी कहने में नहीं है और उसका किसी के साथ सम्बन्ध चल रहा है तो इस प्रयोग (Vidveshan Mantra Prayog) से परस्पर उन दोनों में जबरदस्त मतभेद हो जायेगा । यह मतभेद जीबन भर चलता रहेगा ।
यदि शत्रु के घर में यह प्रयोग कर दिया जाए तो सदेब उसके घर में कलह बनी रहेगी । उसके घर के लोग आपस में लडते रहेंगे । घर का मुखिया ज्यादा दुखी हो जायेगा ।
 
रबिबार की रात को पीली धोती पहनकर दक्षिण दिशा को मुंह करके बैठ जाबें, दो तांत्रिक नारियल का जोडा सामने रखें एक-एक काजल की बिन्दी लगा दें इसके बाद तेल का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का ११ हजार बार जप करें , जप में मूंगे की माला प्रयोग करें ।
 
ऐसा करने के बाद दूसरे दिन घर की लडकी का पहना हुआ कोई कपडा हो तो उसमें इस नारियल को बांधकर रख दें या तो शत्रु हो तो उसके घर में फेंक दें, नारियल फेंकने से उसका विद्वेषण हो जायेगा ।

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जय माँ कामाख्या

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