सिद्ध रिक्त्या भैरव अघोर तंत्र साधना

Siddh Riktya Bhairav Aghor Tantra Sadhna :

मंत्र : “ॐ रि रिकत्या भैरब संहार कर्मकर्ता महासंहार पुत्र, “अमुक” गृहण गृहण, भख भख हूँ फट स्वाहा।।”
इस मंत्र की साधना करने से पूर्ब किसी योग्य ब्यक्ति से दीख्या प्राप्त कर लें । इसके उपरांत ही यह प्रयोग करें । इस मंत्र को शनि अमाबस्या की रात्रि में 11 बजे उपरांत श्मशान भूमि पर जाकर दखिण मुख होकर सरसों के तेल का दीपक जलाकर किसी चिता स्थान पर बैठें और हड्डियों की माला से जाप करें जप आरम्भ से पूर्ब अपनी सुरख्या कर लें एबं भैरब का पूजन करें । पूजा में गुरू आज्ञानुसार नैबेद्य अर्पण करें और 31 दिन अनुष्ठान करें तब सिद्धि प्राप्त होती है । इस साधना को बिना गुरु के करने की कोशिश नहीं करें अन्यथा प्राण से हाथ धोना पडेगा ।
 
नोट : यह साधना पूर्ण रूप से अघोर साधना है बाममार्ग से सिद्ध की जाती है। चिता में हबन आदि करने का बिधान है जो गुप्त बिधि है ।

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जय माँ कामाख्या

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