जुम्मा मेहतरानी की सिद्धि

जुमा मेहतरानी (Jumaa Mehtarani) मंध्यप्रदेश के देहाती खेत्र की एक तांत्रिक थी, जिस्की हत्या कर दी थी । बहाँ इसके बहुत से सिस्य थे । उन्होने इसकी पुजा प्रारम्भ कर दी । यह शक्ति भी कर्ण पिशाचिनी जैसे ही है । यन्हा हम अपने बुधिमान, तर्कशील जिंग्यासुओ को बताना चाहेंगे कि शक्तियो का रहस्य मानशिक गहनता,एकाग्रचितता और भाब-समीकरण मे होता है । इस पुजा मे जुमा मेहतरानी (jumaa mehtarani) की आत्मा नही आती, बल्की उस्के स्वरुप भाब का जो समीकरण है, बह उर्जा समीकरण गहन होकर शक्ति देता है ।
 
यह जुम्मा मेहतरानी साधना (jumaa mehtarani sadhana) श्मशान मे रात्र 10 बजे की बाद सम्पूर्ण पूजा सामग्री के साथ नग्न होकर की जाती है और इस्मे सुअर के दांतो (21) की माला और सुअर की चर्बि का दीपक जलाकर काले कम्बल पर दक्षिणोमुखी साधना की जाती है । जुम्मा मेहतरानी (jumaa mehtarani) कि मंत्र साधना से पहले श्मशान जागरण करना पड़ता है और सामान्य पूजा कर्म सम्पूर्ण करने की बाद  दस हज़ार मंत्र जाप करे और उसका दशांश हवन भी करे । जुम्मा मेहतरानी साधना (jumaa mehtarani sadhana) मे भी अघोरक्रुत्य कर्म किया जाता है । साधक जुठे बर्तन मे खाना खाने चाहिए , मल-मुत्र बही त्याग करना है और वंही भी सोना  है ।
Jumaa Mehtarani Mantra :
“सात समुंन्दर एले पार, सात समुंन्दर पेले पार,
बीच मे टापु, टापु मे अखरेद का पेड !
उस पर बेठी जुमा मेहतरानी !
जुमा मेहतरानी क्या करेगी !
झारेगी, झारेगी फलां का भेद बताएगी !
इसी घडी मेरा काज करेके नही आयेगी
तो जुमा मेह्तरानी नही कहलायेगी !
मरघटिया म्सान के संग हराम करेगी!
सत्य नाम आदेश गुरु का !!”
साधना के समय या तांत्रिक प्रक्रियाओं में शरीर की सुरक्षा सबसे अधिक प्रथम कर्त्यब है । शरीर की रक्षा न होने की दशा में कोई भी शक्ति साधक की साधना में बाधा उत्पन्न कर सकती है ।तीब्र प्रयोग में तो अनेकों बार साधक को कोई भी अपूर्णीय क्षति हो सकती है । यंहा तक कि मृत्यु हो सकती है । अनेकों बार ऐसा भी होता है कि साधक पर किसी शत्रु द्वारा मारण प्रयोग अथबा अन्य तीब्र प्रयोग कर दिया जाता है । यदि साधक का आत्मबल अच्छा हो और उसने सुरक्षा चक्र बनाया हो तो वह शक्ति साधक पर कोई प्रभाब नही डाल सकती । इसीलिए सुरक्षा चक्र को अपनाना साधक का पहला कर्त्यब है।
Jumaa Mehtarani Sadhana ke Labh :
यह साधना से आदमी को कई सारे लाभ प्राप्त होता है साधक का पिछले कई पुरानी बिमारी होता होगा तो , वह पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है , उसके मुख मंडल से एक अलौकिक आभा देखने को मिलता है । उसके बातो में स्वयं सरस्वती बॉस करते है , जो यह बोलता है वो सत्य साबित होता है  और एक बात , जो भी यह साधक मनन में सोचता है वो कुछ ही समय में स्वत: घटित हो जाता है । उसका शत्रु सम्पूर्ण बिनाश हो जाता है । और एक ख़ास बात है , जो नसीब में नही लिखा हुआ है , वो सब यह साधना से स्वत: प्राप्त हो जाता है
कभी कभी जुम्मा मेहतरानी साधक के ऊपर बहुत खुस होकर कई अलौकिक ज्ञान प्रदान करता है , और यह साधक आगे बढ़ कर एक ज्ञानी और प्रसिद्द भबिष्य बक्ता बनकर चारोतरफ अपना नाम रोशन करता । साधना के समय जभी जुम्मा मेहतरानी प्रकट होता है , तभी उनको अपना जीभ पर बैठने केलिए अनुरोध करना चाहिए । तभी यह उकृष्ट फल प्रदान करता है ।
लास्ट में यह कहूँगा ,कभी भी आप जुम्मा मेहतरानी साधना सिद्धि के चक्कर में ना फसे । क्यूँ ना यह साधना ,करने में जितना अच्छा परिणाम देखने को मिलता है , उतना भी खतरा हर क्षेत्र में होता है । यंहा सिर्फ जानकारी केलिए मंत्र और बिधि बिधान के बारे में बताया गया है । कोई आदमी यह जुम्मा मेहतरानी साधना के चक्कर में आकर कुछ गलत कदम उठाया तो , उसका हनी लाभ स्वयं वो ही होगा । समपर्ण बिधि बिधान सिद्धि प्राप्ति के लिए आप किसी योग्य साधू सन्यासी जो इस रास्ते में है , उनके चरण में सरण आकर उनके सानिध्य में यह जुम्मा मेहतरानी साधना सम्पर्ण कर सकते हो । कभी भी बिना गुरु के निर्देश में जुम्मा मेहतरानी साधना ना करे  ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- (मो.) 9438741641{Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

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