प्रेत दोष का ज्ञान

प्रेत दोष का ज्ञान :

प्रेत दोष का ज्ञानज्योतिष प्रश्न बिचार के अनुसार देखें, कुछ उसके लक्षणों के अनुसार जाने । जन्म लग्न आधार से भी देखे । प्रेत दोष का ज्ञान के सामान्य लक्षणों इस प्रकार से हो सकते हैं ।

१. प्रेत ग्रस्त रोगी के चेहरे पर काली झंईयां हो जाती है । आँखे निचे धंस जाती है । यह प्रेत दोष का ज्ञान का पहला लक्ष्ण है ।
२. नजर लगे हुय बच्चे की आँखों के बाल सीधे खड़े हो जाते हैं । अथबा ऊपर घुंघराल बालों की तरह मुड जाते है । नजर दोष दूर होने पर आँखों की पलकों के बाल नीचे झुक जाते है । यह प्रेत दोष का ज्ञान का द्वितीय लक्ष्ण है ।
३. कभी कभी प्रेत बाधा बिशेषत: डाकिनी, शाकिनी, भूतनी, पिशाचिनी से ग्रसित महिला की आँखों में अपना प्रतिबिम्ब उल्टा दिखाई देगा । यह प्रेत दोष का ज्ञान का तृतीय निशानी है ।
४. उपरी बाधा ग्रसित ब्यक्ति की नाडी देखे तो ऐसा महसूस होगा की जैसे गर्भबस्था बाली स्त्री की डब्बल नाडी चलती होबें । यह प्रेत दोष का ज्ञान का चतुर्थ निशानी है ।
५. प्रेत दोष बाला ब्यक्ति पबित्रता से नफरत करता है । नहाने से परहेज करता है । पबित्र बाताबरण से घबराता है । अच्छे बस्त्र नही पहनता । यह प्रेत दोष का ज्ञान का और एक निशानी है ।
६. पाठ पूजन में मन नहीं लगता । भगबान के दर्शन में अरुचि होने लगती है । धूप ब खुला बाताबरण पसंद नहीं होता ।
७. प्रेतग्रस्त या अभिचार ग्रस्त ब्यक्ति का ब्यबहार बदल जाता है । रुखा रुखा ब चिडचिडा स्वभाब हो जाता है । उसके हर कार्य में रुकाबटे आती है । ब्यबसाय अस्थिर हो जाता है ।
८. उसका उच्चाटन होकर बृथा भ्रमण होबे तथा आर्थिक उपार्जन में बाधा रहे ।
९. ग्राहक दूकान पर चढ़े पर कोई सौदा नहीं होबें ।
१०. ऐसे ब्यक्ति को नेत्र मिलाने को कहोगे तो नेत्र झुका लेगा ।
११. उसकी गर्दन ब कंधों पर भारी दबाब रहेगा । कभी कभी ऐसा लगेगा कि कोई उसकी गर्दन को घूमा रहा हो ।
१२. यदि पाठ पूजन में बैठेगा तो शरीर टूटेगा तथा मन का ऐसा उच्चाटन होगा कि उठकर भाग जाऊ ।
१३. ऐसा ब्यक्ति सुगन्धित बस्तुओं को ज्यादा पसंद करता है ।
१४. प्रेताबेश के समय ब्यक्ति की आँखे अंगारे की तरह लाल हो जाती है । उससे कोई नेत्र नहीं मिला सकता ।
१५. यदि नाखूनों में सफ़ेद धब्बे उभरते है तो शुभ है । काले धब्बे ब नाख़ून काला होना किसी अशुभ घटना या प्रेतोपद्र्ब के संकेत है ।
१६. इसी तरह प्रेतग्रसित महिला के मासिक धर्म में काला पानी या काला रंग का खून भी दिखाई देगा ।
१७. ब्यक्ति हिंसक जानबरों की तरह नाख़ून बढ़ायेगा ।
१८. उसके गुप्तांगों बिकृति पैदा होगी । स्वप्न दोष इतना हल्का होगा की उसके निशान भी बस्त्रों पर नहीं होंगे ।
१९. भोग बिलास के समय अपने जीबन साथी से अरूचि ब नफरत करने लगेगा ।
२०. पति पत्नी ब परिबार में नित्य प्रतिदिन कलह बढ़ेगी ।
२१. जब ऐसा ब्यक्ति आपके कमरे में अचानक प्रबेश करे तो ऐसा लगेगा कि कोई काली आकृति प्रबेश कर रहीं है । आपके मन को अटपटा लगेगा ।
२२. मध्य रात्रि में काले रंग के पुरुष, आत्मायें ब अन्य खराब तथा डराबने स्वप्न आबें ।
२३. रात्रि में अधिक समय तक नींद नहीं आबें ।
२४. गर्भबती स्त्री का गर्भ किसी डर या भय से गिर जाये तो ऊपरी बाधा के लक्षण है ।
२५. दिन या रात्रि में किसी बृक्ष, श्मशान, चौराहे के पास भोजन करने के कुछ समय बाद या १-२ दिन बाद तबियत खराब हो तो ऊपरी बाधा से परेशानी जाने ।
२६. असमय, दोपहर, रात्रि में मजार, चौराहा, कब्रिस्तान, श्मशान, बरगद, इमली ब पीपल के पेड़ के नीचे लघु शंका करने के १-२ दिन में या घर पहुंचते ही तबियत खराब हो तो ऊपरी बाधा का प्रकोप जाने ।
२७. उग्रदेबता या कुल देबता का बलि ग्रहण नहीं करे ।
२८. चौराहे पर यदि उतार का पात्र या बलि द्रब्य रखा हो तो उसका उल्लंघन नहीं करे । प्रसाद भी नहीं खाबें, ना हीं बहाँ रखा द्रब्य उठाये । उतारे को ठोकर लगने आदि कारणों से तबियत ख़राब हो सकती है ।

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