विदेश योग
जन्म कुंडली और विदेश जाने का सम्बंध
August 7, 2023
सपनो का फल
251 स्वप्न तथा उनसे प्राप्त होने वाले संभावित फल :
August 7, 2023
विदेश यात्रा

जन्म कुंडली और विदेश यात्रा का सम्बंध :

विदेश यात्रा : कुंडली से व्यक्ति विदेश यात्रा से लाभ या हानि के संकेत प्राप्त कर सकता है । ज्योतिष दृष्टि से, कुंडली में विदेश यात्रा से संबंधित ग्रहों की स्थिति और योग का विश्लेषण किया जाता है । निम्नलिखित तत्वों का ध्यान देने से व्यक्ति विदेश यात्रा के प्रति अपने योग्यता और संभावित परिणाम को समझ सकता है:

विदेश यात्रा के योग :

कुंडली में सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु और राहु केतु ग्रह ये बताते हैं कि आप किस उद्देश्य से विदेश जायगे ।
सूर्य : उच्च का सूर्य कुंडली मे हो तो मान सम्मान विदेश में दिलाता है अगर सूर्य नीच है , सूर्य खराब है तो जातक दंड विदेश मे मिलता है ।
चंद्रमा: चंद्रमा विदेश यात्रा में आत्मविश्वास, आत्म-सुरक्षा और आरामदायक माहौल की सूचना देता है । यह ग्रह व्यक्ति की भावनाओं और आत्मीयता को महत्वपूर्ण बनाता है, जिससे उन्हें विदेश यात्रा के दौरान सहयोग मिल सकता है ।
 
चन्द्र बलिष्ट और उच्च का हो तो जातक आसानी से विदेश जाता है । कुंडली में चन्द्र नीच है और ख़राब है तो जातक को विदेश जाने में तो परेशानी का कारण बनता है । विदेश में मन नहीं लगता है । उच्च चन्द्र के कारण जातक लम्बी विदेश यात्राऐ करता है । खराब ,नीच चन्द्र वाले को नदी, समुद्र के पास यात्रा करनी चाहिए ।

कुंडली में अगर मंगल उच्च भाव में स्थित है और शुभ दृष्टि में है, तो इसका संकेत हो सकता है कि जातक की विदेश यात्रा सफल हो सकती है और वह विदेश में बस सकता है । मंगल का उच्च स्थिति व्यक्ति की साहसी और उत्साही प्रवृत्ति को प्रकट कर सकता है, जिससे विदेश में नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा या उद्यमिता में सफलता मिल सकती है ।

इसके साथ ही, यदि जातक की यहाँ के देश (स्वदेश) में भी स्थिति है, तो यह संकेत हो सकता है कि उन्हें अपने स्वदेश में भी सम्मानपूर्ण स्थितियाँ और आवसर मिलेंगे । मंगल की शुभ प्रासंगिकता से, व्यक्ति को सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पदों या कार्यों में सफलता प्राप्त हो सकती है ।

राशि/ लगन : मेष, सिंह, वृश्चिक राशि/ लगन वाले जातक विदेश आते जाते रहते हैं ।
 
बुध :जातक व्यापार के लिए विदेश जाता है ।
बुध तीसरे भाव, द्वादश भाव या चन्द्र से सम्बन्ध बनाये तो विदेश मे हानि के योग बन सकते है ।
 
बृहस्पति: बृहस्पति विदेश यात्रा में सफलता, ज्ञान, विश्वास और भाग्य की संकेत कर सकता है । यह ग्रह व्यक्ति को विदेश में शिक्षा, व्यापार, या नौकरी के लिए सूचना दे सकता है।
गुरु :उच्च शिक्षा, परोपकार या शांति के लिए विदेश जाता है । चन्द्र शुक्र युति हो तो अवश्य ही विदेश घूमने जाता है ।
शुक्र: शुक्र विदेश यात्रा में सुख, आनंद और कल्याण की सूचना देता है । यह ग्रह व्यक्ति की कल्पनाओं को पूरा करने की क्षमता प्रदान कर सकता है, जिससे उन्हें विदेश में सकारात्मक अनुभव मिल सकते हैं ।
 
तकनीकि क्षेत्र : शनि राहु केतु तकनीकि क्षेत्र में काम के विदेश लिए विदेश जाता है ।

शनि: शनि विदेश यात्रा में मानव संसाधनों, कठिनाइयों और सावधानियों की सूचना देता है । यह ग्रह व्यक्ति को संघर्षों का सामना करने और कठिनाईयों को पार करने की क्षमता प्रदान कर सकता है, लेकिन साथ ही सावधानी और परिश्रम भी आवश्यक होते हैं ।

राहु/केतु : राहु /केतु विदेश यात्रा में नयापन, आवश्यक परिवर्तन और विशेष अनुभवों की सूचना देता है । यह ग्रह व्यक्ति को अनूठे सांस्कृतिक और विज्ञानिक दृष्टिकोण से दुनिया को देखने का मौका प्रदान कर सकता है ।

यह सभी ग्रह कुंडली में विभिन्न भावों में स्थित हो सकते हैं और विदेश यात्रा से संबंधित अलग-अलग प्रकार की सूचनाएं प्रदान कर सकते हैं । ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है ताकि व्यक्ति सही निर्णय ले सके ।

विदेश यात्रा के लिए कारक ग्रहों में चंद्रमा, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु शामिल हैं । ये ग्रह विदेश यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और व्यक्ति के लिए संभावित परिणामों को प्रकट कर सकते हैं ।

 
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (call/ whatsapp)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *