अघोरी भुतिनी साधना

अब में आपके समक्ष एक बिलक्ष्ण साधना प्रस्तुत कर रहा हूँ , बह है – ” अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) “ यह साधना न केबल चमत्कारी , बरन अत्यंत गोपनीय भी है । इस साधना को केबल बड़े जीबट बाले साधक ही सम्पन्न कर सकते हैं । मेरा यह कथन सदैब स्मरण रखें इस साधना को केबल योग्य मार्ग निर्देशक के निर्देशन में ही करे , अगर आप मेरा यह निर्देश माने तब हानि और लाभ दोनों के ही जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।

Aghori Bhutini Sadhana Vidhi :

यह अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) शनिबार की रात्र अमबस्या को प्रारंभ करे । कपूर , कचरी ,इत्र, बालछड़, छबीला , जाती पूरथ तथा लोबान और धूप इन सबको और शराब लेकर अर्द्धरात्रि में अकेले शमशान में पहुंचे । वंहा मुर्दे के समीप पहुँच कर उस पर सबसे पहले शाराब की धार डाली जाए फिर धूप देकर मुर्दे पर फूलों को उसके शरीर पर चढ़ाये इसके बाद उस पर सुगन्धित द्रब्य को चढ़ाएं।  इतनी क्रिया करने के बाद शब से दूर हटकर उसने बिनीत प्राथना करे की ” में आपसे बिनीत प्राथना कर रहा हूँ , (…….) भुतिनी साधना करना चाहता हूँ , आप मुझे शक्ति प्रदान करे और मेरा कार्य में संतुष्ट होकर मुझे सिद्धि प्रदान करे । उसके बाद आप घर लौट कर आजाये। 
अगले शनिबार की दिन आप किसी मुर्दे के राख लाकर उससे शिबलिंग का निर्माण करे । अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) काल में उसे अपने सामने रखें फिर पश्चिम की और मुख करके शिब की ताण्डब रूप का स्मरण करे ।आप ध्यान में देखे भगबान रूद्र का तीसरा नेत्र खुला है । बह चारो तरफ अग्नि बर्षा करते हुए भीषण ताण्डब कर रहे हैं। उनकी आँखे क्रोध में लाल हैं । हर बस्तु चेतन , नीर्जिब जो भी हो बह अपने तीसरे नेत्र में भस्म करते जा रहे हैं । बह डमरू के द्वारा साबधान करते है और फिर त्रिशूल से संहार करते हैं । यह रूप आपके ध्यान में रहे ।
अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) काल में काला आसन बिछाकर , रुद्राक्ष की माला से निम्नलिखित मंत्र का लगनपुर्बक जाप करे। जाप केबल श्मशान में ही करना है । इस मंत्र का जाप से भुतिनी दासी हो जायेगी । भुतिनी की मुरती गोरचन से बनाकर पूजा करना चाहिए उसके बाद दिया गया मंत्र से जाप किया जाए तो भुतिनी वो बना हुआ मूर्ति में प्रकट हो जाता है।

Aghori Bhutini Sadhana Mantra :

मंत्र : “ ओम ह्रीं कूं कूं कूं मम सत्रुन् मारय मारय ह्रीं हुं अ: !”
भुतिनी देवी कई मुर्तियो से प्रगट होती है। इस साधना को ग्यारह बजे रात्रि को प्रारंभ करे। इस अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) से छोटी मोटी पैशाचिक सिद्धियाँ स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। उपरोक्त साधना में संयम , हौसला और गुरु का ही महत्व है । इनमे से एक भी कम होने पर साधना को स्थगित कर दें ।
1. कुण्डल धरिणी , 2. सिंदुरिणी , 3. हारिणी ,4. नटी ,5. अतिनटी , 6. चेटिका ,7. कामेस्वरी ,8. कुमारिका
यंहा दिया गया समस्त अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) बिधि लगभग एक ही है लेकिन इनके मंत्र अलग है । साधक इच्छानुसार जिस भुतिनी की सिद्धि करना चाहे कर सकता है । सिद्धि के लिए निर्धारित मंत्र का निर्दिष्ट संख्या में जप करके जप का दशांश हबन एबं तर्पण करना चाहिए । भुतिनी को सिद्ध करके साधक की सांसारिक मनोरथ की पूर्ति होती हैं। साधक का जीबन सम्पन्नता , यश बैभब मान सन्मान से भर देती है। अघोरी भुतिनी साधना की सिद्धि के पश्चात साधक को सात्विक बृति में रहना चाहिए अन्यथा उसकी सिद्धि के समाप्त होने का भय बराबर बना रहता है ।
इनकी एक यह भी बिशेषता है की जो बस्तु साधक के भाग्य में ही न हो उसे भी ये प्रसन्न होकर प्राप्त करा देती है ।अघोरी भुतिनी साधना (Aghori Bhutini Sadhana) काल में प्रति दिन कुंबारी कन्याओं को भोजन कराते हुए बस्त्र तथा द्रब्य का दान और प्रेत बलि करते रहना चाहिए।
साधना के बल से भुत साधका का पुरि तरह हुकुमत मान्ना लग्ता है । हाँ यदि तीतिपुर्बक तांत्रिक धर्म  मे दीक्षित  होकर गुरु की सरण ले तो निस्चह ही कार्य सिद्धि हो जाता है । मंत्र बिद्या जानने के लिये बिशेष चेष्टा कोशिश और मेहनत करना जरुर है। सिर्फ किताब की मदत से पुरा काम नही हो सकता ।
Read More : Bhoot Pret Jhaadne Ka Mantra
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

For any type of astrological consultation with Acharya Pradip Kumar, please contact +91-9438741641. Whether it is about personalized horoscope readings, career guidance, relationship issues, health concerns, or any other astrological queries, expert help is just a call away.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment