बेताल सिद्धि साधना

आप सभी को तो पता ही होगा कि राजा दक्ष ने एक बार यज्ञ का आयोजन किया था, उस समय शिव जी को आयोजन में आमंत्रित नहीं किया गया था, और दक्ष की पुत्री सती इससे व्यथित हो गई और यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दी। जिससे शिवजी क्रोधित हो गए और चारों तरफ बिजली के कड़कने की आवाज और पेड़ के पत्ते झड़ने लगे समुद्र में तूफान आने लगा, उसी क्रोध के आवेश में भगवान शिव जी ने अपनी जटा की एक लटको तोड़कर दक्ष की यज्ञ में होम कर दिया । उसी होम करने के फलस्वरुप एक महान बलशाली पराक्रमी तेजस्वी साहसी वीर की उत्पत्ति हुई जिससे ” वैताल ” कहते हैं। जब वेताल प्रगट हुए तो उन्होंने शिवजी के समक्ष दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना की …हे महादेव – “आपने मेरी उत्पत्ति क्यों की और मेरे लिए क्या आज्ञा है।” तो भगवान शिव जी ने उन्हें आज्ञा दी की दक्ष के सिर काटकर मेरे चरणों में लाएं । और उसी समय वेताल ने राजा दक्ष के सिर को पलभर में शिव जी के चरणों में समर्पित कर दिया।
{{वास्तव में वैताल साधना अत्यंत सौम्या और सरल साधना है ,इस साधना को पुरुष स्त्री कोई भी संपन्न कर सकते हैं।)
रात्रि को 10:00 बजे के बाद स्नान कर ले और स्नान करने के बाद आप किसी भी वस्तुओं को ना छुए पहले से ही आप पहले से ही धोकर सूखी हुई काली धोती को पहनकर काले आसन पर दक्षिण की ओर मुख करके शांत बैठ जाएं और फिर सामने एक पात्र में काजल से एक गोला बनाएं और उस गोले में बेताल यंत्र को स्थापित कर दें और उसके पीछे भगवान शिव जी का चित्र फ्रेम स्थापित कर दें फिर दोनों हाथ जोड़ कर वेताल जी का ध्यान करें ध्यान करने के पश्चात 101 माला मंत्र का जाप करें जाप करते समय यदि खिड़की दरवाजे खटखटाने लगे तो भी अपने स्थान में बैठे रहे उठने की चेष्टा ना करें इस समय आप को भयभीत नहीं होना है यह साधक के लिए परीक्षा की घड़ी होती है इस प्रकार साधना पूर्ण करें दूसरे दिन साधक प्रातः काल उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाए और बेताल यंत्र बेताल माला और साथ मैं भोग को ले जाकर किसी नदी तालाब कुएं में डाल आए और भगवान शिवजी के चित्र को अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित कर दें।
Vetal Siddhi Sadhna Samay :
साधक यह साधना किसी भी रविवार को संपन्न कर सकता है, पर यदि श्रावण मास के अवसर पर यह साधना की सिद्धि करने से यह शीघ्र ही संपन्न हो जाता है।
साधना सामग्री :
वैताल यंत्र , वेताल माला, भगवान शिव जी का चित्र।
Vetal Siddhi Sadhna Mantra  :
साधना मंत्र :।।ॐ वेैताल यच्छ यच्छ क्षं क्षीं क्षूं क्षैं क्षः स्वाहा।।
Vetal siddhi Sadhna Ke Labh :
1.सिद्धि के बाद वैताल छाया की तरह अदृश्य रूप में आपके साथ रहता है और अस्त्र शस्त्र एवं दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।
2. साधक के कठिन से कठिन कार्य कार्य को क्षण भर में संपूर्ण कर देता है। उसके लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर कुछ ही क्षणों में जाकर कार्य पूर्ण कर के वापस अपने स्थान यानी कि आपके पास आ जाता है।
3. वैताल सिद्ध होने पर साधक अकेला हजारों पुरुष के समान कार्य करने वाला व्यक्ति बन जाता है।
आपको जब कोई कार्य वेताल से कराना हो उपरोक्त मंत्र का 11 बार उच्चारण करेंगे तो अदृश्य रूप में वेताल आप की आंखों के सामने प्रकट होगा और उस समय आप उसे आज्ञा दे वेताल उस आज्ञा का पालन करता हुआ क्षण भर में आपका कार्य पूरा कर देगा।
चेतावनी:-
साधक साधना (Vetal Siddhi Sadhna) करने से पूर्व गुरु आज्ञा अवश्य लें अन्यथा साधना (Vetal Siddhi Sadhna) करते समय किसी भी प्रकार की हानि हो सकता है और उन सभी हानियों का उत्तरदायित्व आपका होगा।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641  {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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