Garbh Sthapna Hetu Kamakhya Mantra :
मन्त्र: “ओम नमो कामरु कामाख्या देबी जल बांन्धु जलबाई बांन्धू बांन्धि देउ जल के तीर, पांचो कूत कलबा बांन्धु, बांन्धु हनुमत बीर ।सहदेब की धनुआ और अर्जुन का बाण, राबण रण को थाम ले नहीं तो हनुमन्त की आन,फुरो मंत्र ईश्वोर बाचा।”
किसी कुमारी कन्या से सूत कतबाकर, सूत को स्त्री के सिर से पैर तक नाप लें और उप्युक्त मंत्र (Garbh Sthapna Hetu Kamakhya mantra) से उस धागे को अभिमंत्रित करके उस स्त्री को पहनाना चाहिये, जिसे गर्भ ना ठहरता हो। अपने इष्ट देबता का पुजन अर्चन करके सबा सेर रोट का भोग लगाना चाहिए।
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जय माँ कामाख्या