महा चमत्कारी गो योगिनी साधना कैसे करें?

Maha Chamatkari Go Yogini Sadhana Kaise Kare ?

।। साधना मंत्र ।।
“आगारी जो गुरु यागे जोगि गुरु दण्ड बतियां।
करिया बलईयां , री जोगन मुख अनरिता।
गायति रही रतियां। गो योगिनी चल इन अकेलियां।
गो मारो हैं तालियां। गो योगिनी बांधऊ नजारियां।
गो योगिनी आ पहिया। ना आये तो दुहाई मइया।
बनिता की। दोहाई सलिया पैगम्बर की। दोहाई सलाई छू।।”
इस गो योगनी साधना (Go Yogini Sadhana) को किसी शुभ मुहूर्त में शुक्रबार या रबिबार की रात्रि में आरम्भ करें या किसी पर्ब पर होली-दीपाबली या काली चौदस या फिर सूर्यग्रहण बाली रात्रि में कर सकते हैं सर्बप्रथम साधना बाले दिन रात्रि 10 बजे उपरान्त स्नान करके पबित्र हो जाये और साफ धुले बस्त्र धारण कर लें ।
 
साधकों ! इस गो योगनी साधना (Go Yogini Sadhana) को अपने घर में नहीं करे । इसको किसी एकांत स्थान में करें, नदी किनारे, जंगल, खेत, बगीचा आदि मे से कोई भी स्थान हो । साधक उपर्युक्त स्थान का चुनाब करके आसन लगाकर पूर्ब या उत्तर की और अपना मूख करके बैठ जाये । अपने सामने दीपक, अगरबती, धूप, जलभरा लोटा रखे और फल-फूल, इत्र, कुम्कुम, सिंदुर, चमेली के पुष्पों से बनी एक माला साथ ले जाये और देबी का पूजन करें सारी सामग्री दीपक के पास रखे दें और दीपक पर माला चढा दें या पास मे रख दें । फिर रख्या घेरा खींचकर उपरोक्त गो योगनी मंत्र का जाप शुरु करें । नित्य ही नियम से इसी भांति निशिच्त समय जाप करें । प्रतिदिन पांच माला जपें । इस प्रकार 21 दिन गो योगनी साधना करें । तो शीघ्र ही देबी प्रसन्न होकर दर्शन देती है और साधक की इछा पूरी करेगी । जब दर्शन देबे तो धर्य रखें डरे नहीं और भक्ति-भाब से माता के रुप में उनका आदर करें और पुष्प-माला, नैबेद्य अर्पण करें । अगर दर्शन न भी होबे तो चिंन्ता न करें । दीपक के पास देबी की पूजा कर लें । इस गो योगनी साधना के प्रत्यख्य दर्शन भी होते हैं, यह साधक पर निर्भर करता है ।

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जय माँ कामाख्या

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