बैधब्य सूचक अपशकुन के लक्षण

Baidhabya Soochak Apshakun :

यदि प्रात:काल में कोई बिबाहित स्त्री अपने मकान की छत के ऊपर किसी कौबे को मरा हुआ देखे तो यह समझना चाहिए की बह शीघ्र ही बैधब्य (baidhabya) हो जाएगी । यदि मृत कौबे के समीप रक्त की कुछ बुँदे भी पड़ी हुई हों तो यह समझना चाहिए कि उस स्त्री के पति की हत्या कर दी जाएगी ।

इसी प्रकार यदि कोई बिबाहित पुरुष प्रात:काल के समय अपने मकान की छत के ऊपर मरे हुए कौबे को देखें तो उसे समझ लेना चाहिए की उसकी पत्नी की मृत्यु शीघ्र ही होगी । यदि मृत कौबे के शरीर के पास रक्त के कुछ बुँदे भी दिखाई दें तो यह समझना चाहिए कि उसकी पत्नी की हत्या कर दी जाएगी ।

यदि कभी ऐसा अबसर अपस्थित हो तो, अन्य किसी से कोई बैधब्य (baidhabya) सूचक अपशकुन के बारे में चर्चा किए बिना मृत कौबे को चिमटे अथबा किसी अन्य बस्तु से बाहर ले जाकर किसी एकांत स्थान में गड्ढा खोदकर गाढ़ देना चाहिए ।

ऐसा अबसर अपस्थित होने पर घुडसबार को चाहिए की बह तुरंत ही घोड़े से नीचे उतर पड़े और पंख के दो टुकडे करके, उसे अपने सिर के ऊपर के हाथ ले जाते हुए पीछे की और फेंक दे । पंख को सिर के ऊपर से फेंकते समय जिधर से जा रहा हो, उस और को मुँह तथा जिधर से आ रहा हो , उस और को पीठ रखनी चाहिए । इसके बाद घोड़े को कुछ देर के लिए किसी बृक्ष से बाँधकर उसकी जीन या काठी खोल दे तथा स्वयं भी कुछ देर के लिए समीप ही लेट जाए । तत्पश्चात यात्रा आरम्भ करने पर उसे मार्ग में जहाँ भी जल दिखाई दे, बहाँ पहले दो –चार घूंट पानी पीकर घोड़े को भी थोडा पानी पिलाना चाहिए । फिर कुछ देर बिश्राम करने के उपरान्त यात्रा आरम्भ करनी चाहिए । इस प्रकार अपशकुन (Baidhabya) का प्रभाब नष्ट हो जाएगा ।

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