हिन्दू धर्म के 10 चमत्कारिक मंत्र…जो करेंगे हर संकट का अंत :

‘मंत्र’ का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना। यदि अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है। आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं।
मंत्र 3 प्रकार के हैं- सात्विक, तांत्रिक और साबर। सभी मंत्रों का अपना-अलग महत्व है। प्रतिदिन जपने वाले मंत्रों को सात्विक मंत्र माना जाता है। आओ जानते हैं ऐसे कौन से मंत्र हैं जिनमें से किसी एक को प्रतिदिन जपना चाहिए जिससे मन की शक्ति ही नहीं बढ़ती, बल्कि सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है।
इन मंत्रों के जप या स्मरण के वक्त सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें। जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें। इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे।

Pehla Chamatkaarik Mantra  :

क्लेशनाशक मंत्र : “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥”
मंत्र प्रभाव :
इस मंत्र का नित्य जप करने से कलह और क्लेशों का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं।

2nd Chamatkaarik Mantra

शांतिदायक मंत्र : “श्री राम, जय राम, जय जय राम”
मंत्र प्रभाव :
हनुमानजी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं। कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है। इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है। राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है। यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है।

3rd Chamatkaarik Mantra :

चिंता मुक्ति मंत्र : “ॐ नम: शिवाय।”
मंत्र प्रभाव : इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन मिलता है। यह मंत्र जीवन में शांति और शीतलता प्रदान करता है। शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाते हुए यह शिव मंत्र बोलें व रुद्राक्ष की माला से जप भी करें। तीन शब्दों का यह मंत्र महामंत्र है।

4th Chamatkaarik Mantra

संकटमोचन मंत्र : “ॐ हं हनुमते नम:।”
Chamatkaarik Mantra Effects :
यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें और फिर निश्चिंत हो जाएं। किसी भी कार्य की सफलता और विजयी होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए। यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है।
हनुमानजी को सिंदूर, गुड़-चना चढ़ाकर इस मंत्र का नित्य स्मरण या जप सफलता व यश देने वाला माना गया है। यदि मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा है, तो इस मंत्र का तुरंत ही जप करना चाहिए।

5th Chamatkaarik Mantra :

शांति, सुख और समृद्धि हेतु : भगवान विष्णु के वैसे तो बहुत मंत्र हैं, लेकिन यहां कुछ प्रमुख प्रस्तुत हैं।
1. ॐ नमो नारायण। या श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि।
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4.
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।
त्वमेव सर्व मम देवदेव।।
5.
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
मंत्र प्रभाव : भगवान विष्णु को जगतपालक माना जाता है। वे ही हम सभी के पालनहार हैं इसलिए पीले फूल व पीला वस्त्र चढ़ाकर उक्त किसी एक मंत्र से उनका स्मरण करते रहेंगे, तो जीवन में सकारात्मक विचारों और घटनाओं का विकास होकर जीवन खुशहाल बन जाएगा। विष्णु और लक्ष्मी की पूजा एवं प्रार्थना करते रहने से सुख और समृद्धि का विकास होता है।

6th Chamatkaarik Mantra

मृत्यु पर विजय के लिए महामृंत्युजय मंत्र :
मंत्र : “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।”
मंत्र प्रभाव : शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है। यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है।

7th Chamatkaarik Mantra :

सिद्धि और मोक्षदायी गायत्री मंत्र :
।।ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
अर्थ : उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
मंत्र प्रभाव : यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है, जो ईश्वर के प्रति, ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है। यह मंत्रों का मंत्र सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और ‘महामंत्र’ कहा गया है। हर समस्या के लिए मात्र यह एक ही मंत्र कारगर है। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है।

8th Chamatkaarik Mantra :

समृद्धिदायक मंत्र : “ॐ गं गणपते नम:।”
मंत्र प्रभाव : भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है। सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत में श्री गणेशाय नम: मंत्र का उत्चारण किया जाता है। उक्त दोनों मंत्रों का गणेशजी को दूर्वा व चुटकीभर सिंदूर व घी चढ़ाकर कम से कम 108 बार जप करें। इससे जीवन में सभी तरह के शुभ और लाभ की शुरुआत होगी।

9th Chamatkaarik Mantra :

अचानक आए संकट से मुक्ति हेतु : कालिका का यह अचूक मंत्र है। इसे माता जल्द से सुन लेती हैं, लेकिन आपको इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है। आजमाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल न करें। यदि आप काली के भक्त हैं तो ही करें।
1 : “ॐ कालिके नम:।”
2 : “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।”
मंत्र प्रभाव : इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें।
10th Chamatkaarik Mantra ;
दरिद्रतानाशक मंत्र : “ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।”
मंत्र प्रभाव : इस मंत्र की 11 माला सुबह शुद्ध भावना से दीप जलाकर और धूप देकर जपने से धन, सुख, शांति प्राप्त होती है। खासकर धन के अभाव को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप करना चाहिए।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) +91-9438741641 (call/whatsapp)

India's leading astrological service center with a proven track record of success. Our expert astrologers provide accurate predictions, effective remedies, and personalized guidance for a brighter future."

Sharing Is Caring:

Leave a Comment