Darshan Hetu Lakshmi Mantra :
“ॐ लक्ष्मी माई, बिसनु की लुगाई । आओ माई आगंन में
बिराजो, घर में भंडार भरो । चांदनी सी बरसो, तारेन सी
चमको । जो न पधारो तो पति की सेज भूलो । चण्डू चाण्डाल
की भोग बनो। आदेश गोरखनाथ मछन्दर को दुहाई सात
समन्दर की । मेरी भगति, गुरू की शक्ति। मंत्र सांचा ।।”
Darshan Hetu Lakshmi Mantra Vidhi :
इस मंत्र की सिद्धि हेतु साधक दीपाबली से पहले पूर्णिमा को पीपल वृक्ष की मूल को सबिधि आमंत्रित कर लें आबें । उसे प्रतिदिन स्नान, धूप, अगरबती, प्रसाद चढायें और श्रद्धा से प्रणाम करें । फिर दीपाबली की अमाबस्या की दीप प्रज्जबलित करके उस पीपल की जड को आसन के नीचे रख कर दर्शन हेतु लक्ष्मी मंत्र (darshan hetu lakshmi mantra) साधना शुरू करें, पूरी रात यानी प्रात: (भोर) तक जितना जप हो सके करें । पश्चात् नित्य प्रति स्नान कर एक सौ मंत्रों का जप मूल को आसन के नीचे रख कर करते रहें ।
निरंतर दर्शन हेतु लक्ष्मी मंत्र (Darshan Hetu Lakshmi Mantra) जप के प्रभाब से माता लक्ष्मी का राजसी बैभब प्रकट होने लगेगा । इस मंत्र की साधना से निशिच्त ही घर के आंगन में स्वर्णालंकारों से अलंकृत एक अत्यन्त सुन्दर युबती स्वप्न में दिखायी देगी । लक्ष्मी स्वरूपा युबती घर में प्रबेश करती है । जैसे जैसे साधक के मंत्र जप का बल बढता जाएगा । मां के दर्शन एबं बैभब में बढोतरी होती जाएगी । साधक जीबन भर स्त्रियों, ब्राहमणों, वृद्ध का सम्मान करें एबं ईश्वर के प्रति श्रद्धाभाब रख समय समय पर दान पुण्य करते रहें ।
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