Divakar Mukhi Kinnari Sadhana Mantra :
दिबाकर मुखी किन्नरी मंत्र : “ॐ दिबाकरमुखी स्वाहा ।”
Divakar Mukhi Kinnari Sadhana Vidhi :
साधक को चाहिये की बह अर्द्धरात्रि के समय किसी पर्बत के शिखर पर बैठ कर उक्त मंत्र का दस सहस्र की संख्या में जप करे । तदुपरान्त ‘दिबाकर मुखी’ किन्नरी का सही बिधि बिधान से पूजन कर, भोग प्रसादी चढ़ाए और धूप दीप प्रदान करे । पुनबरि आठ सहस्र की संख्या में मंत्र का जप करें तो दिबाकर मुखी किन्नरी प्रसन्न होकर साधक के समीप आती है ।
साधक को चाहिये की बह उसे देखकर भयभीत न हो । जब किन्नरी आकर कहे “तुम मुझे क्या आज्ञा देते हो ?” उस समय साधक उत्तर दे “तुम मेरी पत्नी हो जाओ” । यह सुनकर किन्नरी साधक की भार्या होना स्वीकार कर लेती है एबं साधक को अपनी पीठ पर चढ़ाकर स्वर्ग का दर्शन कराती है । तत्पश्चात बह प्रतिदिन कोई ना कोई अभिलाषित बस्तु, आठ स्वर्ण मुद्रा और अनेक रस युक्त भोज्य पदार्थ आदि साधक को प्रदान करती है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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