दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम प्रयोग कैसे करें ?

Durga Ashtottar Shatanam Prayog Kaise Karein ?

दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम (Durga Ashtottar Shatanam) दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ के एक अभिन्न अध्याय है , यह चमत्कारी दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम (Durga Ashtottar Shatanam) का नित्य पाठ आदमी को आध्यत्मिक पथ पर अग्रसर करने के साथ साथ जीबन में बदलाब लाने का एक शक्तिशाली दिव्यास्त्र के रूप में काम करता है । दैनदिन जीबन में एकबार दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम (Durga Ashtottar Shatanam) का पाठ अब्स्य करना चाहिए । अनुष्ठान करने से पहले सर्बप्रथम एक बार दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम का पाठ कर लें, तत्पश्चात –

Durga Ashtottar Shatanam Prayog Vidhi :

१. प्रत्येक चतुर्थी बिभक्ति युक्त नाम से पूर्ब “ऐ” बीज तथा पश्चात् में “नम:” का योग करके बोलते हुए माँ दुर्गा को एक –एक रक्त अथबा पीत पुष्प अर्पित करें (यथा ऐ सत्यै नम:) । इस बिधि से माँ को नित्य पुष्पार्पण करने बाले मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति होती है ।

२. पुर्बबत् नाम से पूर्ब “ह्रीं” का योग करके बोलते हुए रक्त अथबा पीत पुष्प अर्पित करने से अन्न –धन का भण्डार पूर्ण रहता है । (यथा – ह्रीं सत्यै नम: इत्यादि) ।

३. पुर्बबत् नाम से पूर्ब “क्लीं” का योग करके पुष्पार्पण (रक्त अथबा पीत) से उचित कामनाओं की पूर्ति होती है ।

४. “ऐ सत्यै स्वाहा” इत्यादि रूप से प्रत्येक नाम द्वारा घृत से हबन करने से माँ की कृपा से गृह में स्थित नकारात्मक ऊर्जा का निबारण होता है तथा परिबार के सभी सदस्यों का बिबेक स्थिर बना रहता है ।

५. “ह्रीं सत्यै स्वाहा” इत्यादि रूप से पूर्बबत् प्रत्येक नाम द्वारा हबन करने से गृह में उल्लास का बाताबरण बना रहता है तथा सभी सदस्य सात्विक ऊर्जा से परिपूर्ण रहते हैं ।

६. “क्लीं सत्यै स्वाहा” इत्यादि रूप से पूर्बबत् प्रतिदिन हबन करने से गृह से दुष्ट शक्तियों (आत्माओं) का पलायन हो जाता है ।

७. “ऐ ह्रीं क्लीं सत्यै नम:” इत्यादि रूप से उचारण करते हुए माँ दुर्गा को रक्त कनेर पुष्प अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ होता है ।

८. “ऐ ह्रीं क्लीं सत्यै नम:” इत्यादि रूप से उचारण करते हुए माँ को पीला कनेर पुष्प अर्पित करने से स्नेह तथा सम्मान की प्राप्ति होती है ।

९. पुर्बबत माँ को गुडहल का पुष्प चढाने से असीम कृपा की प्राप्ति होती है ।

१०. “ऐ ह्रीं क्लीं सत्यै स्वाहा” इत्यादि रूप से कमल गट्टे तथा घृत द्वारा नित्य हबन करने से माँ दुर्गा की कृपा से धन की कमी कभी नहीं होती है ।

Durga Ashtottar Shatanam Prayog Vishesh :

बिशेष :- कोई भी हबन नियमानुसार ग्यारह दिन तक करने से सामान्य तथा चालीस दिनों तक करने से बिशेष (स्थिर) लाभ प्राप्त होता है । चालीस दिन का अखण्ड अनुष्ठान करने के बाद यदि प्रतिदिन हबन करना आगे सम्भब न हो तो प्रत्येक अष्टमी,नबमी, चतुर्दशी ,अमाबस्या तथा पूर्णिमा को अबश्य ही पुर्बबत् हबन करना चाहिए । इससे माँ की अनबरत कृपा बनी रहेगी ।

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