अतुल्य वैभव प्रदाता भगवती दुर्गा मंत्र

Atulya Vaibhav Pradata Bhagwati Durga Mantra :

भगवती दुर्गा की कृपा जिस जीव पर हो जाती है, वह जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पा लेता है । ऐसी भगवती दुर्गा प्रसन्न होने पर भक्तों के संकटों को नष्ट कर देती हैं और क्रुद्ध होने पर सम्पूर्ण वैभवों का नाश कर देती हैं । भगवती दुर्गा के अनेकानेक रूप हैं, नाम हैं, जिनके स्मरण मात्र से जीव के संकट दूर हो जाते हैं । आज हम आपको ऐसा ही शक्तिशाली दुर्गा मंत्र बताने जा रहे हैं, जिसके जप से भक्त को अर्थ-धर्म-काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है । उनकी कृपा से जीव का हमेशा ही कल्याण होता है, यह बात शास्त्रोक्त है और अनुभव में भी आई है ।
 
भगवती दुर्गा का श्रद्धा व भक्ति से नमन किया जाए तो जीव को अतुल्य सुख व आनंद की प्राप्ति होती है । उसे आलौकित अनुभूतियां भी होती हैं, जिनका वर्णन संभव नहीं है ।
श्री दुर्गा जी के अष्टाक्षर जप मंत्र : {{ ऊॅँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:।। }}
इस दुर्गा मंत्र (Durga Mantra) का प्रतिदिन 11 माला जप करना चाहिए । इसके बाद एक माला मंत्र जप करते हुए घी से भीगे रक्त पुष्प यानी लाल फूल से होम करें । जवाकुसुम यानी गुड़हल का फूल देवी जी को अतिप्रिय है। ऐसा करने से भक्त को धन-सम्पत्ति और यश- मान की प्राप्ति होती है । उसकी कीर्ति दसों दिशाओं में फैलती है ।
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जय माँ कामाख्या

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