Guru Pratyaksh Darshan Sadhna
गुरु प्रत्यक्ष दर्शन (Guru Pratyaksh Darshan) साधना मार्ग जितना सरल दिखता है उतना होता नही है । 41 दिन, 21 दिन माला जाप कर लेने से किसी देव या देवी दर्शन हो जाते तो फिर समस्या ही क्या थी । साधना मार्ग में कोनसी साधना कब करनी है ये गुरु को ज्ञात होता है और उसी के अनुसार साधना करवाता है । कभी देखना गुरु परम्परा में कभी भी आरम्भ में प्रत्यक्ष दर्शन साधना नही होती कारण ये है कि आपके अंदर इतनी ऊर्जा नही होती कि आप प्रभु को देख पाए । लेकिन चारो तरफ ऐसी ही साधना बिखरी पड़ी है । लोगो लगे हुए है ऐसी साधनाओ के चक्कर मे लेकिन जब कुछ अनुभव नही होता तब दोष देते है साधना को । ये सभी कुछ एक प्रक्रिया के अनुरूप होता है । ये गुरु ही देख पाता है कि पूर्व जन्म में कहा तक यात्रा हो चुकी है और किन कारणों से यात्रा में बाधा आयी थी । गुरु इन सब बातों को देखकर ही शिष्य को परम की यात्रा पर बढ़ाता है । इसमे समय लगता है ये कुछ महीने का कार्य नही है । अगर ऐसा होता तो सभी एक ही जीवन मे मोक्ष को प्राप्त कर जाते । एक साधक के लिए प्रभु के दर्शन करना उनसे बात करना महत्व नही रखता, एक साधक के लिए महत्व रखता है अपनी इस यात्रा की पूर्ण करना ताकि सदा सदा के लिए प्रभु में विलीन हो जाये । साकार की यात्रा में जब प्रभु के दर्शन होने लगते है बात होने लगती है तब बहुत से साधक प्रभु के मोह में फस जाते है और इसी में जीवन निकाल देते है और यात्रा अपूर्ण रह जाती है । फिर जन्म लेना पड़ता है और यही क्रम चलता ही रहता है । जबतक ये यात्रा पूर्ण ना हो जाये ।
मंत्र की शक्ति अपरिमित होती है । ‘जपात् सिद्धि जपात सिद्धि’ शास्त्र का वचन बिलकुल सही है । आवश्यकता है श्रद्धा-विश्वास की । प्रथम तो यह ही किसी एक मंत्र को आधार मान कर लग जाये , सफलता मिलती नहीं दिख रही हो तो भी करते जाये “जपात सिद्धि : के अनुसार एक दिन तो सफलता मिलेगी ही, तो फिर परेशान क्यों होना ।
यदि साधक को अपने गुरु के दर्शन करने हो और उनका सतत मार्गदर्शन प्राप्त करना हो तब इस गुरु प्रत्यक्ष दर्शन (Guru Pratyaksh Darshan ) साधना का प्रभाव अद्भुत चमत्कारी रहता है , यदि गुरु मन्त्र के सवा लाख मन्त्रों का अनुष्ठान संपन्न करके इस साधना को किया जाये तो निश्चय ही सफलता मिलती है । पूर्ण निर्जन स्थान या पीठ में गुरु यन्त्र और गुरु प्रत्यक्ष दर्शन (Guru Pratyaksh Darshan) सिद्धि यंत्र स्थापित कर साधना में सफलता प्राप्त हो ऐसा संकल्प लेकर उन यंत्रों और गुरु चित्र का दैनिक साधना विधि , ग्रन्थ में दिए विधान से पूजन संपन्न कर गुरु प्रत्यक्ष दर्शन (Guru Pratyaksh Darshan) मन्त्र की ११ माला जप करने के बाद प्रतिदिन इस हिसाब से मंत्र जप २ मास तक करे, तो निश्चय ही गुरु के दर्शनों का लाभ होता है और उनका सतत साधनात्मक मार्गदर्शन भी प्राप्त होता रहता है । इस साधना को गुप्त रखना चाहिए अन्यथा लाभ नहीं मिल पाता है ।
Guru Pratyaksh Darshan Mantra- {{ ॐ गुं गुरुदेव हुं फट् }}
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जय माँ कामाख्या