रति सुन्दरी योगिनी साधना क्या है ?

Rati Sundari Yogini Sadhana Kya Hai ?

रतिसुन्दरी योगिनी स्वर्ण के समान बर्ण बाली गोरांगी, समस्त अलंकारों –नुपूर, बाजूबन्द, हार आदि से सुशोभित तथा कमल के समान सुन्दर नेत्रों बाली हैं ।

Rati Sundari Yogini Sadhana Mantra :

“ॐ ह्रीं आगच्छ रतिसुन्दरी स्वाहा ।”

उक्त प्रकार से ध्यान धर कर पाद्य, चन्दन तथा चमेली के पुष्पों से पूजन कर प्रतिदिन 8000 की संख्या में पूर्बोक्त मंत्र का जप करते रहें । एक मास तक नित्य उक्त बिधि से साधन करते रहने पर, अंतिम दिन जब तक देबी न आये , तब तक घी का दीपक जलाकर तथा गंध, पुष्प ताम्बूल आदि निबेदन कर निरंतर मंत्र जप करते रहना चाहिए । अर्द्धरात्रि के समय जब देबी साधन के पास आयें, तब उनको चमेली के पुष्पों से निर्मित माला द्वारा पूजन करें । संतुष्ट हो जाने पर देबी पत्नी रूप में साधक को भोज्य पदार्थ, रति तथा अन्य अभिलंबित बस्तुएं प्रदान करती है तथा रात भर साधक के पास रह कर प्रात: अपने बस्त्राभूष्ण बहीं त्याग कर अपने घर चली जाती है । फिर साधक की आज्ञानुसार प्रतिदिन आती जाती बनी रहती है । रति सुन्दरी योगिनी के सिद्ध हो जाने पर साधक को अन्य स्त्रियों का सम्पर्क त्याग देना चाहिए ।

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चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना (Rati Sundari Yogini Sadhana) के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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