सर्बोपरि यंत्र

Sarvopari Yantra : यह यंत्र सर्बोपरि यंत्र है । इससे ऊपर गिनती बाला (अंको के योग बाला ) यंत्र नहीं है । यह सर्बोपरि यंत्र सिद्ध और जागृत है । इसके अनन्त लाभ है । ऐसा कोई कार्य नहीं जो इससे पूरा न हो । इस sarvopari yantra को गले में , कटि में, भुजा में तथा हार में कहीं भी धारण कर सकते हैं ।

Sarvopari Yantra Siddhi :

ग्रहण , दीपाबली , होली की दिन में सिद्धि करना पड़ता है । यंत्र को अष्टगंध से लिखे । मंत्र के साथ बेलपत्र , मिष्ठान तथा सुगन्धित पुष्प अर्पण करे ।
यह sarvopari yantra मारण, मोहन, उचाटन, रोग निबारण, कार्य सिद्धि, परलोक सुधारने के लिए करें । अपने जन्म के सफल करने के लिए धारण करें । बारह दिबाली तक लगातार यह प्रयोग करे तो यह यंत्र अधिक जागृत हो जायेगा । प्रयोग करते समय मंत्र का जाप करते रहे ।

मारण कर्म के लिए होली को करे । उचाटन के लिए ग्रहण में करे , मोहन और अन्य कर्मो के लिए दीपावली को करें । मारण कर्म श्मशान की भूमि की ऊपर ही करना पड़ता है , उचाटन कर्म किस्सी सुनसान खंडर में करने की बाद जमीन में गाड़कर ऊपर अग्नि जलाया जाता है , शेष कर्मो में जल प्रबाह करे और यंत्र को बिधि बिधान की लिखकर पूजा अर्चना पुर्बक भुजा पर धारण करें ।

गर्भस्थापना करने के लिए कटि में बांधे । गर्भस्थापना हो जाने पर भुजा पर ,गले में अथबा हार में धारण करें अबश्य कार्य पूरा होगा । हजारों ब्यक्ति इससे लाभ उठा चुके हैं ।

मारण , उचाटन की बिधि तनीक परोक्ष रखी गई है जिससे उसका अनुचित प्रयोग न हो जो अपनी बुद्धि से या पूछकर करेगा तो सफल हो जायेगा । क्यूंकि बिना सोचे समझे अनुचित कर्म करना लाभ के स्थान पर हानि करता है जिसका फल भी कठिन है, सजा भी कठिन है, क्षमा नहीं होगा ।

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