Shatru Maran Mantra Prayog :
शत्रु मारण मंत्र (1) – “ॐ नमो नरसिंहाय कपिल जटाय अमोधबी चासत बृत्ताय महाडोग्र चंड रूपाय ओम ह्रीं ह्रीं छां छां छीं छीं फट् स्वाहा ।”
शत्रु मारण मंत्र (2) – “ॐ हाथ खड़ग मूशल लै कमला गरूड पाय परति आबैं ताहि मारि को नरसिंह बीर बायु नरसिंह बीर प्रचंड की शक्ति लै लै लै लै उत्तमूला गजि क्षाह छ्डाड ताहि छाडी ।”
Shatru Maran Mantra Prayog Vidhi :
दो मन्त्रों का दस हजार की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें । जप के दशांश भाग का लाल कनेर के फूलों को घृत में मिलाकर मन्त्रोंचारण करते हुए होम करें तो मंत्र सिद्ध हो जाता है । मंत्र सिद्ध हो जाने के पश्चात कौए का पंख और पंजा तथा कुश हाथ में लेकर इक्कीस अंजुली से नदी में निरंतर तर्पण करें एबं आक के फूल हाथ में लेकर 108 बार ऊपर लिखित मंत्र का जप करे तो शत्रु की मृत्यु हो जाती है ।
चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना (Shatru Maran Mantra Prayog ) के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है । हर समस्या का समाधान केलिए आप हमें इस नो. पर सम्पर्क कर सकते हैं : 9438741641 (call/ whatsapp)