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भुवनेश्वरी साधना

अद्भूत दरिद्रता नाशक भुवनेश्वरी साधना :

भुवनेश्वरी साधना : अद्भुत दरिद्रता नाशक भुवनेश्वरी साधना एक प्राचीन तंत्रिक प्रयोग है जो वित्तीय संकट और दरिद्रता को दूर करने में मदद कर सकता है । यह साधना माता भुवनेश्वरी की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है और व्यक्ति को सुख, समृद्धि और आर्थिक स्थिति में सुधार प्राप्त करने में मदद कर सकता है ।

इस साधना में विशेष मंत्र, मंत्रों की जाप और तंत्रिक क्रियाएं की जाती हैं, जो व्यक्ति के वित्तीय संकट और दरिद्रता को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। यह साधना विशेष रूप से वह व्यक्तियों के लिए उपयुक्त हो सकती है जिनके पास आर्थिक समस्याएं हैं और जो वित्तीय स्थिति में सुधार प्राप्त करना चाहते हैं ।

इस साधना को करने से पहले व्यक्ति को अपनी साधना के लिए निर्धारित समय, स्थान और दिशा का पालन करना चाहिए और साधना के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। यह साधना निष्ठा, समर्पण और मानसिक शुद्धता के साथ की जाती है और व्यक्ति को आर्थिक संकट से मुक्ति प्राप्त करने में मदद कर सकती है ।

चंद्र ग्रहण में किए जाने वाले खास साधना से भुवनेश्वरी साधना एक है । साधना ग्रहण के समय मे ही सिद्ध की जाती है । जिस पर माँ भुवनेश्वरी की कृपा हो जाये,वो कभी दरिद्र नहीं रह सकता,क्युकी माँ कभी अपनी संतान को दुखी नहीं देख सकती है ।
ग्रहण काल में स्नान कर सफ़ेद वस्त्र धारण करे,और उत्तर की और मुख कर सफ़ेद आसन पर बैठ जाये । सामने ज़मीन पर सफ़ेद वस्त्र बिछाये और उस पर,अक्षत से बीज मंत्र ” ह्रीं ” लिखे और उस पर कोई भी एक रुद्राक्ष स्थापित करे,गुरु तथा गणेश पूजन संपन्न करे,अब रुद्राक्ष का सामान्य पूजन करे,तथा निम्न मंत्र को २१ बार पड़े और अक्षत अर्पण करते जाये,अक्षत भी २१ बार अर्पण करने होंगे ।

भुवनेश्वरी साधना मंत्र :

मंत्र : ||ॐ ह्रीं भुवनेश्वरी इहागच्छ इहतिष्ठ इहस्थापय मम सकल दरिद्रय नाशय नाशय ह्रीं ॐ||
अब पुनः रुद्राक्ष का सामान्य पूजन कर मिठाई का भोग लगाये,तील के तेल का दीपक लगाये।और बिना किसी माला के निम्न मंत्र का लगातार २ घंटे तक जाप करे,जाप करते वक़्त लगातार अक्षत रुद्राक्ष पर अर्पण करते रहे । साधना के बाद भोग स्वयं खा ले,और रुद्राक्ष को स्नान कराकर लाल धागे में पिरो ले और गले में धारण कर ले । और सारे अक्षत उसी वस्त्र में बांध कर कुछ दक्षिणा के साथ देवी मंदिर में रख आये और दरिद्रता नाश की प्रार्थना कर ले ।
मंत्र : ||हूं हूं ह्रीं ह्रीं दारिद्रय नाशिनी भुवनेश्वरी ह्रीं ह्रीं हूं हूं फट||
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जय माँ कामाख्या

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